दिल्ली विधानसभा से अयोग्य घोषित करतार सिंह तंवर की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने इस मामले में 9 दिसंबर को सुनवाई करने का फैसला किया है। करतार सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी है, जिन्होंने दल बदल कानून के तहत उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया था। उनकी याचिका पर सुनवाई करने के बाद न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने 9 दिसंबर को अगली सुनवाई करने का फैसला किया और विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को नोटिस भेजा।
छतरपुर विधायक करतार सिंह तंवर इसी साल जुलाई के महीने में आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद सितंबर के महीने में उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई। अब उन्होंने इस फैसले को चुनौती दी है, जिस पर सुनवाई जारी है।
तंवर का आरोप
आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर 2020 में छतरपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले तंवर को 24 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया था। तंवर ने इस साल पार्टी छोड़ दी थी और एक अन्य विधायक राजकुमार आनंद के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। तंवर की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने दलील दी कि अयोग्य ठहराए जाने का आदेश ‘‘गूढ़’’ और ‘‘अस्पष्ट’’ था और इसे व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिए बिना जल्दबाजी में पारित किया गया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के कारण तंवर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हैं तथा विकास कार्य बाधित हो रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष का फैसला रद्द करने का आरोप
वकील नीरज और सत्य रंजन स्वैन के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘इसलिए, यह रिट याचिका प्रतिवादी संख्या एक द्वारा पारित 24 सितंबर, 2024 के उस आदेश को रद्द किए जाने का अनुरोध करती है, जिसमें याचिकाकर्ता को दिल्ली विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया है।’’ याचिका में अध्यक्ष के अलावा विधायक दिलीप कुमार पांडे को भी पक्षकार बनाया गया है क्योंकि उन्होंने याचिकाकर्ता को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए अगस्त में शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने पांडे को नोटिस जारी कर उनसे भी याचिका पर जवाब भी मांगा है। तंवर ने अपनी याचिका में कहा कि ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन ने उन्हें आम आदमी पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, लेकिन ‘‘एक के बाद एक घोटालों’’ ने पार्टी को बदनाम कर दिया है और ‘‘नेताओं के असली चेहरे को बेनकाब कर दिया है।’’