नई दिल्ली: दिल्ली दंगों में भड़काऊ भाषण देने और दंगों में भूमिका को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का 27 जुलाई को बयान दर्ज किया। यह बयान सवाल और जबाब के रूप में दर्ज किए गए और पुलिस ने कपिल मिश्रा के बयान को दंगों की चार्जशीट का हिस्सा बनाया है। दिल्ली पुलिस के सवाल और कपिल मिश्रा के जबाब ये हैं-
सवाल-दिल्ली पुलिस ने पहला सवाल किया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली का दौरा क्यों किया?
जबाब-यमुना विहार में मेरा घर है, मेरा घर नार्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में ही आता है दंगाइयों ने दंगे के दौरान जो पेट्रोल पंप जलाये वो मेरे घर के पास ही थे
सवाल- तुमने उत्तर पूर्वी दिल्ली का किस दिन और किस तारीख में दौर किया?
जबाब-क्योंकि मेरा घर उसी इलाके में है मेरा जाने आने का कोई वक़्त तय नही है
सवाल-क्या तुम खुद मौजपुर गए थे ?
जबाब-जी हां ,मैं अपनी पर्सनल कैपेसिटी में 3 से 3.30 बजे मौजपुर पहुच गया था
सवाल-तुम्हारे जाने का उद्देश्य क्या था ?
जबाब-क्योंकि कुछ लोग फेसबुक पर 2-3 दिन से मुहिम चला रहे थे कि रोड ब्लॉक होने की वजह से उन्हें बहुत ज़्यादा समस्याओं का सामने करना पड़ रहा है ,लोग आफिस नही जा पा रहे हैं बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, ज़रूरी सुविधायें लोगों तक नही पहुच पा रही हैं इसलिए मैं उन लोगों की समस्याओं को पुलिस तक पहुचाने और पुलिस की मदद से बंद रोड को खुलवाने की पेशकश करने वहा गया था जाने से पहले मैन डीसीपी सूर्या साहब से फ़ोन पर बात की थी
सवाल-क्या तुमने उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी की कोई भाषण दिया था उस भाषण में क्या था?
जबाब-नही मैंने कोई स्पीच नही दी मैंने केवल पुलिस को तीन दिनों में रोड खुलवाने के लिए कहा था और ये भी कहा था कि अगर तीन दिन में रोड नही खुली तो हम रोड खुलवाने के लिए धरने पर बैठेंगे
सवाल-इस स्पीच का उद्देश्य क्या था?
जबाब-मैंने पहले ही कहा ,मैंने कोई स्पीच नही दी मेरा मकसद केवल रोड खुलवाना था जिससे से लोगों की समस्याओं का निपटारा हो सके
सवाल-क्या तुम्हारे पास स्पीच की कोई कॉपी है?
जबाब-मैंने पहले ही कह दिया मैन कोई स्पीच नही दी
सवाल-क्या तुम किसी दूसरे धरना स्थल पर गए थे?
जबाब-नही मैं किसी धरना स्थल पर नही गया।
सवाल-क्या तुम वह अकेले गए थे?
जबाब-हां ,मैं अकेले ही मौजपुर चौक गया था वह पर मेरे पहुँचने से पहले ही भीड़ जमा थी लोकल होने के नाते मैं वह के कई दुकानदारों और लोगों को जानता था।
सवाल-तुम्हारी उस इलाके के बारे में निजी राय क्या है?
जबाब-मैंने वहां जाने से पहले डीसीपी सूर्या साहब से बात की थी, लोगों ने बताया वहा पर करीब 2 बजकर 45 मिनट पर पथराव शुरू हो चुका था मेरे सामने भी लोग दौड़ दौड़ कार आ रहे थे और कह रहे थे कि भीड़ पथराव कर रही है, जाफराबाद की तरफ व बेरिकेड के पास काफी भीड़ थी जिसको पुलिस बड़ी मुश्किल से रोक पा रही थीं अगर पुलिस न होती तो वे लोग आगे आ जाते मैं वहां करीब साढ़े 4 बजे तक रूका, मुस्लिम भीड़ पथराव कर रही थी और भीड़ को पुलिस ने हमसे 300 मीटर पहले रोक हुआ था। मुझे लोगों ने बताया कि लोग रोड खुलवाने के लिए करीब 2 बजे से इकट्ठा होना शुरू हो गए थे मेरे सामने उस वक़्त 50-60 लोगों की भीड़ थी दूसरी तरफ मुसलिमों की 500 से 700 की भीड़ थी मैन स्थानीय लोगों से 3.30 से 4.3० बजे तके बात की और रोड खुलवाने के लिए पुलिस से बार बार आग्रह किया लोगों की परेशानी से अवगत कराया ये रोड पिछले 2-3 महीने से मुस्लिम लोगों द्वारा ब्लॉक किया हुआ था ये लोग कभी सर्विस रोड तो कभी में रोड बैंड कर देते थे जिस वजह से लोगों को अपने काम धंधे पर जाने में बच्चों को स्कूल जाने में परेशानी हो रही थी लोगों का जीना दूभर हो गया था मुस्लिम लोगों ने दर का और आतंक का माहौल बना रखा था। मरीजों को हॉस्पिटल ले जाने व लोगों को hosptial ले जाने एम्बुलेंस की दिक्कत हो रहा थी इसी वजह से स्थानीय लोगों के फ़ोन कॉल्स आने लगे लोगों की फेसबुक पोस्ट पढ़कर मैं पुलिस से रोड खुलवाने का आग्रह करने वह गया था बातचीत में मैंने dcp साहब से कहा कि अब हम जा रहे हैं आप रोड खुलवा दें आप रोड खुलवा दें नही तो हैम रोड कगुलवाने के लिए धरने पर बैठ जाएंगे उसके बाद 4 बजकर 35 मिनट पर मैं वह से निकल गया
सवाल- तुमने वह कितना टाइम व्यतीत किया?
जबाब-मैं वह करीब एक घंटा 3.30 से 4.30 तक रुका था।
सवाल-क्या वह तुम्हारा कोई invitation था।
जबाब-मैं फेसबुक की पोस्ट पढकर गया था।