Highlights
- JNU छात्र की हुई मौत
- जेएनयूएसयू ने लगाया प्रशान पर लापरवाही का आरोप
- JNU प्रशासन ने किया खंडन
नई दिल्ली: JNU पर आपराधिक लापरवाही का आरोप लगा है। बुधवार को पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में समय से उपचार नहीं मिलने पर एक छात्र की मौत हो गयी। विश्वविद्यालय ने इस आरोप का खंडन किया है। ‘सेंटर फॉर रसियन स्टडीज’ में पीएचडी छात्र एवं ताप्ती छात्रावास में रहने वाले मयंक की बुधवार को मौत हो गई । जेएनयूएसयू संयोजक आदर्श कुमार ने कहा कि मयंक ने 21 मार्च को सीने में दर्द की शिकायत की थी। मंयक को इसके बाद स्वास्थ्य केंद्र में जब लेकर पहुंचे तो उसका तत्काल उपचार नहीं किया गया। हालात बिगड़ने पर स्वास्थ्य केंद्र ने मयंक को एम्स रेफर कर दिया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और मंयक की मौत हो गई। संयोजक ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘जेएनयू की कुलपति शांतिश्री पंडित, यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार एवं खस्ताहाल स्वास्थ्य केंद्र इस आपराधिक लापरवाही के लिए जिम्मेदार हैं।‘
JNU ने आरोपों का किया खंडन
इस आरोप का खंडन करते हुए जेएनयू के ‘डीन ऑफ स्टूडेंट्स’ सुधीर प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘मयंक सीने में दर्द की शिकायत करते हुए जेएनयू के डॉक्टर के पास आया था। जब उसकी ईसीजी असामान्य आई तभी उसे दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। प्रथम दृष्टया ऐसा जान पड़ता है कि यह हृदयगति रुक जाने का मामला है। क्या हुआ इसे हम निर्धारित करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन हमारी ओर से कोई चूक नहीं हुई। ’’
( इनपुट भाषा )