जितेंद्र गोगी गिरोह (Jitendra Gogi Gang) के दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों अपराधियों के पास से 12 पिस्टल और 30 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है। गिरफ्तार हुए अपराधियों का नाम अभिषेक उर्फ अमित मिट्टा और नवीन उर्फ शनिचर है। इनमें से अभिषेक साल 2022 में गैंगस्टर करमबीर उर्फ काजू को अस्पताल से भगाने में शामिल था। अभिषेक और नवीन दोनों सोनिपत, हरियाणा के रहने वाले हैं। दोनों अपराधियों को 27 अप्रैल को आउटर रिंग रोड, जगतपुर फ्लाईओवर के पास से पकड़ा गया। अपराधियों के पास से प्वाइंट 32 बोर की 10 पिस्टल, 2 सिंगल शॉट पिस्टल और 30 जिंदा कारतूस बरामद किया गया है।
अवैध हथियारों के साथ दिल्ली पुलिस ने दो अपराधियों को गिरफ्तार किया
पुलिस को सूचना मिली थी कि जितेन्द्र उर्फ गोगी गिरोह के दो सदस्यों ने हाल ही में मध्य प्रदेश के कुछ डीलरों से अवैध हथियार खरीदे हैं और वे गांधी विहार, तिमारपुर से होते हुए दिल्ली आएंगे। मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने फौरन टीम गठित किया और दोनों को पकड़ने लिए रवाना हो गए। इंस्पेक्टर रविंदर कुमार त्यागी के नेतृत्व में टीम ने जाल बिछाया और दोनों को पकड़ लिया। गिरफ्तारी के वक्त अपराधियों और पुलिस के बीच हाथापाई भी हुई।
गोगी गैंग से कनेक्शन के बारे में पुलिस को बताया
जांच के दौरान, अभिषेक उर्फ अमित मित्ता और नवीन उर्फ शनिचर ने खुलासा किया कि वे जितेंद्र उर्फ गोगी गिरोह से जुड़े हुए हैं। वे दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों में बिना रोकटोक जबरन वसूली और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग करके अपने गिरोह का वर्चस्व बढ़ाने में लगे हुए थे। इसके लिए वह बिहार और मध्य प्रदेश से अवैध हथियार खरीद रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि वे बुरहानपुर (मध्य प्रदेश) और मुंगेर (बिहार) के अवैध हथियार निर्माताओं से अपने गिरोह के लिए एक साल से अवैध हथियार खरीद रहे थे।
करमबीर उर्फ काजू को जेल से छुड़ाने की प्लानिंग कर चुका है अभिषेक
वहीं, अभिषेक ने बताया कि वह करमबीर उर्फ काजू सहित गोगी गैंग के जेल में बंद अधिकांश गैंगस्टरों के काफी करीब है और दिल्ली और अन्य राज्यों की जेलों और अदालतों में उनसे मिलता था। 2022 में, उसने अपने साथियों शिवम, मंजीत और अन्य लोगों के साथ BSA अस्पताल, रोहिणी, दिल्ली से पुलिस की हिरासत से गैंगस्टर करमबीर उर्फ काजू को भागने की योजना बनाई। वे सभी हथियारों और मिर्च पाउडर से लैस होकर बीएसए अस्पताल, दिल्ली पहुंचे। उस दिन करमबीर उर्फ काजू को पुलिस द्वारा सीटी स्कैन/एक्स-रे के लिए तिहाड़ जेल से एक वैन में लाया गया था, लेकिन मशीन में तकनीकी खराबी के कारण यह परीक्षण नहीं किया जा सका और आरोपी करमबीर उर्फ काजू को बाहर नहीं निकाला गया। एस्कॉर्ट टीम ने काजू को हिरासत से छुड़ाने की उनकी योजना को विफल कर दिया। इस साल भी अभिषेक ने करमबीर उर्फ काजू से जेल में मुलाकात की और अस्पताल/न्यायालय जाने के दौरान फिर से उसे पुलिस हिरासत से छुड़ाने की योजना बनाई, लेकिन अपराध को अंजाम देने से पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।