Indian Railways: रेलवे पुलिस ने ट्रेन की टिकट परीक्षक के रूप में भर्ती परीक्षा देने वाले पांच फर्जी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इनके पकड़े जाने से पुलिस ने अंतर राज्य नेटवर्क का खुलासा किया है। पुलिस इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की भी तलाश कर रही है जिनका कई और राज्यों में नेटवर्क हो सकता है। इस गिरोह के खिलाफ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की पुलिस शाखा में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कई धाराओं में दर्ज किया केस
पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ धारा 419, धारा 420, धारा 468, धारा 471 और 147 और 169 के तहत मामला दर्ज किया है और इस मामले की जांच आगे की जा रही है। यह गैंग लोगों से पैसे लेकर रेलवे की परीक्षा में दूसरे लोगों को बिठाकर परीक्षा पास करवाता था। लोगों से मोटी रकम ली जाती थी और उनकी जगह फर्जी कैंडिडेट के जरिए परीक्षा पास करवाई जाती थी।
हाल ही में गुजरात में भी आया था फर्जीवाड़े का मामला
इससे पहले हाल ही में एक मामला गुजरात से सामने आया था जब नौकरी पाने के लिए एक अभ्यर्थी ने जो हथकंडा अपनाया था, उसने सभी को चौंका दिया था। हुआ यह था कि रेलवे की नौकरी पाने के लिए एक अभ्यर्थी ने अपने अंगूठे की खाल को गर्म तवे पर रखकर हटाया और इसे अपने दोस्त के अगूंठे पर चिपका दिया ताकि वह बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजर जाए और उसकी जगह भर्ती परीक्षा में बैठ पाने में सफल हो सके। अधिकारी ने बताया कि इस फर्जी अभ्यर्थी के अंगूठे पर चिपकाई गई खाल तब निकल गई जब 22 अगस्त को गुजरात के वडोदरा में आयोजित रेलवे भर्ती परीक्षा से पहले बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान परीक्षा पर्यवेक्षक ने उसके हाथ पर सैनेटाइज़र छिड़का था।
दोनों अभ्यार्थी हुए गिरफ्तार
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त एस.एम. वरोतारिया ने बताया कि वडोदरा पुलिस ने असल अभ्यर्थी मनीष कुमार और डमी कैंडिडेट राज्यगुरु गुप्ता को धोखाधड़ी और जालसाज़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। गुप्ता बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला है। उन्होंने बताया कि दोनों की उम्र 25 वर्ष के आसपास है और उन्होंने पहले 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की थी। वडोदरा के लक्ष्मीपुरा थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, रेलवे ने ग्रुप ‘डी’ की रिक्तियों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित कराने के लिए एक निजी कंपनी को जिम्मेदारी दी थी और यह परीक्षा लक्ष्मीपुरा इलाके की एक इमारत में 22 अगस्त को आयोजित हुई थी जिसमें 600 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।