नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम ने स्कूलों को प्रवेश प्रक्रिया के दौरान बांग्लादेश से अवैध तौर पर आए प्रवासी छात्रों की पहचान करने का निर्देश दिया है। MCD ने साथ ही स्वास्थ्य विभाग को ऐसे बच्चों को जन्म प्रमाण पत्र जारी न करने के लिए भी कहा है। दिल्ली सरकार के प्रिंसिपल होम सेक्रेटरी की अध्यक्षता में दिल्ली नगर निगम यानी की MCD के सीनियर अफसरों के साथ 12 दिसंबर को डिजिटल माध्यम से हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था। MCD ने 18 दिसंबर को दिए आदेश में अपने विभागों को इस मुद्दे के समाधान के लिए विशेष उपाय अपनाने का निर्देश दिया है।
हर हफ्ते शुक्रवार को रिपोर्ट देना अनिवार्य
MCD ने अपने आदेश में उपायुक्त दफ्तर को ‘प्रत्येक शुक्रवार को दोपहर बाद 3:30 बजे तक’ साप्ताहिक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करना भी अनिवार्य कर दिया है। आदेश में कहा गया, ‘शिक्षा विभाग से अनुरोध है कि वह नगर निगम के स्कूलों में प्रवेश देते समय अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने के लिए विशेष उपायों का सहारा लें।’ इसने MCD स्कूलों में पहले से नामांकित ऐसे बच्चों की पहचान के लिए ‘प्रॉपर आइडेंटिफिकेशन एंड वेरिफिकेशन’’ चलाने का भी आह्वान किया। आदेश में सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को ‘बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों द्वारा किए गए अतिक्रमणों को हटाने के लिए उचित कार्रवाई करने’ का भी निर्देश दिया गया है।
‘अवैध बांग्लादेशी को बर्थ सर्टिफिकेट जारी न हो’
MCD ने अपने आदेश में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है कि ‘किसी भी अवैध बांग्लादेशी प्रवासी को जन्म प्रमाण पत्र जारी न किया जाए।’ इसने पहले जारी किए गए प्रमाणपत्रों की समीक्षा के लिए वेरिफिकेशन कैंपेन चलाने का भी आदेश दिया है। दिल्ली में फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों ने अवैध तौर पर भारत में आए विदेशियों के मुद्दा उठाए जाने के बीच यह निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने भी अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान के लिए अभियान चलाया है और कई संदिग्धों की पहचान भी की। (भाषा)