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दिल्ली में कोरोना के बीच बच्चों में सीजनल फ्लू के मामलों में वृद्धि, कोविड जैसे ही हैं लक्षण

डॉक्टरों ने लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचने, छींकते समय नाक एवं मुंह ढ़ककर रखने, बार-बार हाथ धोने की सलाह दी और सर्दी या ज्वर से पीड़ित लोगों से बच्चों को दूर रखने का सुझाव दिया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : September 17, 2021 20:59 IST
Hospitals in Delhi see surge in seasonal flu cases among children
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE (PTI) दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों के बीच सीजनल फ्लू के मामले तेजी से बढते नजर आ रहे हैं।

नयी दिल्ली: कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर के बीच दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में बच्चों के बीच सीजनल फ्लू के मामले तेजी से बढते नजर आ रहे हैं तथा कुछ को भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। संभावित तीसरी लहर के डर के बीच दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की हाल की एक बैठक में विशेषज्ञों ने कहा था कि फ्लू और कोरोना वायरस संक्रमण के समान लक्षण होते हैं, ऐसे में दिल्ली सरकार को फ्लू के इस सीजन में कोविड को फैलने से रोकने के लिए बड़े पैमाने पर जांच जारी रखनी चाहिए।

पीएसआरआई के डॉक्टरों ने कहा कि ओपीडी में आ रहे बच्चों में 70 फीसदी में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। द्वारका के आकाश हेल्थकेयर ने भी कहा कि उसके ओपीडी में रोजाना वायरल बुखार के 50-60 मामले आ रहे हैं। चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी एल शेरवाल ने कहा कि ओपीडी आ रहे बच्चों की संख्या में करीब तीन गुणा इजाफा नजर आया है। 

उन्होंने कहा, ‘‘पहले हम 500-600 मरीज देखते थे और इस बार ओपीडी में 1700-1800 मामले आ रहे हैं। ऐसा इस बार भारी वर्षा की वजह से हुआ है और यह रूख सितंबर की शुरुआत से जारी है। ’’ पीएसआरआई की बाल चिकित्सक डॉ. सरिता शर्मा ने कहा कि तीन से चार दिनों तक 102 से 103 डिग्री तक ज्वर के लक्षण वाले बच्चे पहुंच रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि डेंगू, आंत्रशोथ, टाइफाइड, हेपटाइटिस जैसी वायरल बीमारियां जांच संबंधी दुविधा पैदा कर रही हैं और कोविड-19 का भी डर है। आकाश हेल्थकेयर की बाल चिकित्सक डॉ. मीना जे ने कहा कि उल्टी, ठंड और कफ के साथ ज्वर वाले मामले तेजी से बढ़े हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘खासकर एक साल तक के शिशुओं में गंभीर लक्षण नजर आ रहे हैं और उनमें से कुछ को भर्ती भी करना होता है। कई को तो 103-104 डिग्री तक बुखार चला जाता है एवं कई बार दवा देने के बाद भी बुखार नहीं उतरता।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हम अधिक से अधिक तरल पदार्थ, ऑक्सीजन थेरेपी जैसे उपचार भी दे रहे हैं।’’ उन्होंने लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचने, छींकते समय नाक एवं मुंह ढ़ककर रखने, बार-बार हाथ धोने की सलाह दी और सर्दी या ज्वर से पीड़ित लोगों से बच्चों को दूर रखने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि वायरल संक्रमण बड़ों से बच्चों को हो सकता है।

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