Highlights
- अदालत मामले पर आगे 29 मार्च को सुनवाई करेगी
- याचिका में कहा गया है कि स्कूल की इमारत का निर्माण सरकारी खजाने से किया गया था
- स्कूल की इमारत का उद्घाटन एक सांसद और डीओई के अन्य उच्च अधिकारियों ने 2014 में किया था
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2011-12 में निर्माण के बाद से खाली पड़े एक सरकारी स्कूल को चालू करने का अनुरोध करने वाली एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया और दिल्ली सरकार और शिक्षा निदेशालय (डीओई) से जवाब मांगा, जिसमें ढीले ढाले रवैये और कर्तव्य की अवहेलना करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
अदालत मामले पर आगे 29 मार्च को सुनवाई करेगी। एनजीओ लक्ष्य की याचिका में कहा गया है कि यहां आईपी एक्सटेंशन की जोशी कॉलोनी में एक स्कूल-राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय का 2011-12 में निर्माण किया गया था और यह बिना देखरेख के खाली पड़ा हुआ है। एनजीओ के अध्यक्ष संजू ने दावा किया कि असामाजिक तत्व इमारत से लोहे के गेट, खिड़कियां, पानी के नल और वॉशबेसिन सहित अन्य सामानों की चोरी कर रहे हैं और वहां शराब और अन्य प्रतिबंधित पदार्थों का सेवन करते हैं।
एनजीओ की ओर से पेश अधिवक्ता संजय भारद्वाज ने कहा कि याचिकाकर्ता ने स्कूल की इमारत के बारे में सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत डीओई से जानकारी मांगी और अधिकारियों ने जवाब दिया कि इमारत उन्हें नहीं सौंपी गई है। हालांकि, इमारत में कामकाज शुरू नहीं होने के कारण के संबंध में विभाग ने कोई जवाब नहीं दिया।
याचिका में कहा गया है कि स्कूल की इमारत का निर्माण सरकारी खजाने से किया गया था और अगर याचिका मंजूर की जाती है तो इससे छात्रों और समाज को फायदा होगा। स्कूल की इमारत का उद्घाटन एक सांसद और डीओई के अन्य उच्च अधिकारियों ने 2014 में किया था।