Friday, November 22, 2024
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किसानों के दिल्ली कूच के बीच भारी ट्रैफिक जाम, 5 बॉर्डर सील, जान लें किन रास्तों का करना है इस्तेमाल

किसानों के दिल्ली कूच के बीच भारी ट्रैफिक के चलते राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग हिस्से में लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ रही है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: February 14, 2024 8:17 IST
दिल्ली में ट्रैफिक जाम - India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली में ट्रैफिक जाम

किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का आज दूसरा दिन है। इस बीच, भारी ट्रैफिक के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलग-अलग हिस्से में लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ लगाने वाले पांच प्रमुख मार्गों को सील कर दिया है। 

हरियाणा के साथ दिल्ली की सीमाएं सील 

प्रदर्शनकारी किसान ट्रैक्ट्रर-ट्रॉली के साथ दिल्ली में प्रवेश के लिए सीमाओं पर डटे हैं। इसके मद्देनजर सिंघु, टिकरी और झारोदा में हरियाणा के साथ दिल्ली की सीमाएं सील कर दी गई हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश से लगने वाले चिल्ला और गाजीपुर सीमाओं को सील किया गया है। दिल्ली पुलिस की ओर से एंट्री-एग्जिट प्वॉइंट पर बैरिकेड्स, लोहे की कीलें और कंक्रीट के बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं।

ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार किसान सीमाओं पर डटे

किसान दिल्ली कूच करने के लिए पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्से से रवाना हुए हैं। हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर दिल्ली कूच की तैयारी में सीमाओं पर डटे हैं। इस बीच, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों से दिल्ली से बाहर निकलने के लिए लोनी, औचंदी, जोंती, पियाउ मनियारी और सफियाबाद के ट्रांजिट प्वॉइंट्स के इस्तेमाल करने की सलाह दी है। वहीं, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में ट्रैफिक पुलिस ने किसी भी संकट की स्थिति में यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर - 1095, 9971009001 और 9643322904 जारी किए हैं।

आज फिर दिल्ली के लिए आगे बढ़ेंगे किसान 

पंजाब से हजारों की संख्या में किसानों का जत्था हरियाणा तक पहुंच चुका है। ट्रैक्टरों पर राशन और ईंधन लेकर किसान दिल्ली की ओर कूच करने की तैयारी में हैं। शंभू बोर्डर पर कई जगहों पर किसान संगठनों ने मंगलवार के लिए प्रदर्शन के सीजफायर का ऐलान कर दिया। किसान संगठनों ने कहा कि अब बुधवार सुबह एक बार फिर वो दिल्ली के लिए आगे बढ़ेंगे। किसान संगठनों ने कहा कि ये हमारे सब्र की जीत है। हमारे करीब 100 लोग जख्मी हुए, लेकिन इसके बावजूद हमने सब्र रखा। किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रैपिड एक्शन फोर्स के कई जवान घायल हो गए, उन्हें अंबाला के सिविल अस्पताल में लाया गया है। 

इससे पहले लंबा चला था विरोध प्रदर्शन

गौरतलब है कि दो साल पहले किसानों ने दिल्ली में अपना लंबा विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। करीब दो साल बाद फिर एक बार किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। 2020-21 में किसानों की 32 यूनियन संयुक्त किसान मोर्चा यानी SKM के तहत एक बैनर के तले आई थीं, जो अब टूटकर एसकेएम (पंजाब), एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) बन गई हैं। पीछली बार किसाने आंदोलन में दिखान वाले प्रमुख चहेरे गायब हैं। इस बार जगजीत सिंह दल्लेवाल का संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं और दोनों ही संगठन पूर्व में SKM का हिस्‍सा रहे हैं। किसान मजदूर मोर्चा 18 किसानों का समूह है, जिसके संयोजक सरवन सिंह पंढेर हैं। दोनों ही समूहों में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और यूपी के किसान शामिल हैं, बाकि किसान नेता गयाब हैं।

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