सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-4 के प्रावधान लागू रखने का फैसला किया है। इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार (5 दिसंबर) को होगी। इसी दिन वायु गुणवत्ता स्तर की पड़ताल की जाएगी। ग्रैप-4 के प्रावधानों में रियायत पर भी इसी दिन बात होगी। दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, नगर निगम के साथ CAQM तालमेल कर उपाय और उन पर अमल करने के तौर तरीके निर्धारण करेगा। दिल्ली के सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस और अधिकारियों की तैनाती होगी। उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से कहा कि हमें ये चिंता है कि 27 नवंबर को एक्यूआई 303 आया, लेकिन 28,29,30 नवंबर को फिर से बढ़ गया। CAQM की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि ये ट्रेंड जनवरी तक चलता रहेगा। इस पर जस्टिस ओक ने कहा कि आज हम किसी भी मौजूदा ढील की अनुमति नहीं देंगे। जब तक आप हमें प्रदूषण नीचे जाने के रुझान नहीं दिखाते। हम ऐसा कैसे कर सकते हैं?
दिल्ली में एक्यूआई में मामूली सुधार
दिल्ली में लगातार दूसरे दिन वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है। सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 273 के साथ ‘खराब’ श्रेणी में रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में रविवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 285 रहा, जो ‘खराब’ श्रेणी में सुधार बताता है। यहां एक्यूआई लगातार 32 दिनों तक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा तथा ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता (एक्यूआई 400 से अधिक) की स्थिति भी आई। इसके बाद वायु गुणवत्ता में सुधार राहत की बात है।
29 अक्तूबर से खराब श्रेणी में है दिल्ली की हवा
सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली में इससे पहले आखिरी बार 29 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता 268 एक्यूआई के साथ ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर-पश्चिमी शुष्क हवाओं और पर्याप्त धूप से यह सुधार हुआ है, क्योंकि इन हवाओं से प्रदूषक तत्वों को दूर करने में मदद मिली है। हालांकि दिल्ली की वायु गुणवत्ता सामान्य से बहुत दूर है। 201 से 300 के बीच एक्यूआई अब भी संवेदनशील लोगों के लिए हानिकारक माना जाता है। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।