Highlights
- दिल्ली के वित्त मंत्री सिसोदिया ने दिल्ली बजट 2022-23 की तैयारी की समीक्षा की
- बजट में सभी निवासियों की जरूरतों को पूरा किया जाएगा- सिसोदिया
- हम राजधानी की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने पर विशेष ध्यान देंगे- सिसोदिया
नयी दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच अर्थव्यवस्था और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कई तरह के अध्ययन कर रही है। दिल्ली के वित्त मंत्री सिसोदिया ने शुक्रवार को एक बैठक के दौरान दिल्ली बजट 2022-23 की तैयारी की समीक्षा की और कहा कि बजट में सभी निवासियों की जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "वित्त वर्ष 2022-23 के लिए दिल्ली का बजट अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।" सिसोदिया ने कहा कि योजना विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न अध्ययनों के निष्कर्षों के आधार पर सरकार दिल्ली की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और नौकरी के अवसरों को बढ़ाने के लिए नए तरीकों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, "महामारी के कारण पिछले कुछ वर्षों में अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ है। हम राजधानी की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने पर विशेष ध्यान देंगे।"
ज्यादातर लोगों की राय 2.5 लाख से बढ़ सकती है आयकर छूट की सीमा: सर्वे
ज्यादातर लोगों का मानना है कि वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है। केपीएमजी इंडिया के एक सर्वे में यह राय उभरकर सामने आई है। आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। बजट से पहले केपीएमजी द्वारा किये गए सर्वेक्षण में 36 प्रतिशत लोगों का मानना है कि 80सी कटौती के तहत कटौती की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है।
वहीं 19 प्रतिशत का कहना था कि वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती की सीमा को मौजूदा के 50,000 रुपये से बढ़ाया जा सकता है। सर्वेक्षण के अनुसार, 16 प्रतिशत उत्तरदाताओं को उम्मीद है कि बजट में वेतनभोगियों के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कर-मुक्त भत्ता/अन्य लाभ दिया जा सकता है। इसमें इंटरनेट कनेक्शन, फर्नीचर और ईयरफोन के लिए प्रावधान किया जा सकता है।
केपीएमजी ने बजट-पूर्व यह सर्वे जनवरी, 2022 में किया है। इसमें वित्तीय क्षेत्र से जुड़े लगभग 200 पेशेवरों के विचार लिए गए हैं। सर्वेक्षण में 64 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मूल आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये सालाना से बढ़ाई जाएगी।