नई दिल्ली: पिछले पांच दिनों से दिल्ली के अक्षरधाम में उत्सवों की शृंखला मनाई जा रही है। धन-त्रयोदशी, हनुमान चतुर्दशी, दीपावली के बाद आज श्री गोवर्धनजी पूजन और अन्नकूट उत्सव भी बड़े हर्षोल्लास से मनाए गए। इस पर्व में हजारों की संख्या में भक्त मौजूद रहे। आज सुबह से ही अक्षरधाम परिसर की रोनक देखते ही बनती थी। परिसर को फूलों से सजाया गया था। संतों ने वैदिक महापूजाविधि से गोवर्धन जी का पूजन किया। मंडप में ही गोमाता की अर्चना कर उनकी मंत्रों से स्तुति की गई।
गोवर्धन पूजा का महत्त्व
भारत की प्राचीन सनातन परंपरा में गोवर्धन पूजा का बड़ा महत्त्व है। भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र के कोप से गोकुलवासियों की रक्षा की थी। तबसे गोवर्धन जी की पूजा प्रचलित हुई । भगवान की शरणागति के साथ प्रकृति के प्रति प्रेम का भी यह अनुपम उदाहरण है।
विश्वभर के सभी मंदिरों में मना उत्सव
देशभर में यह उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं भारतीय सनातन संस्कृति और धर्म के वैश्विक प्रचारक परम पूज्य महंतस्वामी महाराज की प्रेरणा से अक्षरधाम संस्थान के विश्वभर के सभी मंदिरों में यह उत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।