नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एसआई राकेश कुमार के जज्बे को सलाम करना चाहिए। कोरोना के कठिन समय में जब अपने भी साथ छोड़ रहे हैं तो एएसआई राकेश कुमार कोरोना से जान गंवाने वालों को न सिर्फ कंधा दे रहे बल्कि श्मशान में अंतिम संस्कार की सभी जिम्मेदारियां भी निभा रहे हैं। 56 साल के एएसआई राकेश कुमार साउथ-ईस्ट दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन थाने में तैनात हैं।
इन दिनों श्मशान में कोरोना शवों के साथ आने वाले लोग भी जाने से डर रहे हैं, ऐसे में एएसआई राकेश कुमार इन शवों का अंतिम संस्कार कराने में जुटे हुए हैं। 56 वर्षीय एएसआई राकेश कुमार आजकल लोधी रोड श्मशान घाट में आने वाले कोरोना मृतकों के शवों के अंतिम संस्कार में मदद कर रहे हैं। राकेश कुमार यहां 13 अप्रैल से डटे हुए हैं। राकेश कुमार मूलरूप से यूपी के बड़ौत जिले के रहने वाले हैं। राकेश कुमार अबतक 1100 से अधिक अंतिम संस्कार में मदद कर चुके हैं जबकि खुद 50 से अधिक चिता को मुखाग्नि दी है।
इतना ही नहीं अपनी डयूटी को निभाने के लिए एएसआई राकेश कुमार ने अपनी बेटी की शादी भी कुछ समय के लिए टाल दी है। इनका कहना है कि बेटी की शादी तो बाद में भी हो जाएगी, लेकिन अभी जरूरत यहां इंसानियत निभाने की है। उनके इस फैसले से परिवार के तमाम लोग रजामंद भी हैं। एएसआई राकेश कुमार का कहना है कि इस काम में डर किस बात का। किसी को तो यह काम करना ही है। अगर हर आदमी ऐसे ही मुंह मोड़ लेगा, तो यह सिस्टम कैसे चलेगा? इंसानियत का फर्ज तो निभाना ही चाहिए। गौरतलब है कि राकेश कुमार कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं। हर वक्त मास्क और ग्लव्स पहनकर इस काम में जुट रहते हैं।