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महिला का आरोप: अस्पताल में समय पर कोविड-19 से संक्रमित पिता को नहीं किया गया भर्ती, हुई मौत

एक महिला ने आरोप लगाया कि उसके संक्रमित पिता को समय रहते दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया जिसके कारण उनकी मौत हो गई।

Written by: Bhasha
Published on: June 04, 2020 21:22 IST
Coronavirus- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE Representational Image

नई दिल्ली. दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में कोविड-19 के एक मरीज को कथित तौर पर भर्ती न किए जाने के कारण उसकी मौत का मामला सामने आया है। एक महिला ने आरोप लगाया कि उसके संक्रमित पिता को समय रहते दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया जिसके कारण उनकी मौत हो गई। अस्पताल ने महिला के इन आरोपों का खंडन किया है।

अमरप्रीत नामक महिला ने सुबह-सुबह ट्वीट किया, “मेरे पिता को तेज बुखार है। उन्हें अस्पताल पहुंचाने की जरूरत है। मैं दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के बाहर खड़ी हूं और वे उन्हें भर्ती करने को तैयार नहीं हैं। उन्हें कोरोना, तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ है। मदद के बिना वे नहीं बचेंगे। कृपया मदद करें।” एक घंटे बाद महिला ने ट्वीट किया, “मेरे पिता नहीं रहे। सरकार विफल हुई।”

इंटरनेट पर महिला के ट्वीट को बहुत से लोग साझा कर रहे हैं। कोविड-19 के मरीजों के लिए निर्दिष्ट एलएनजेपी अस्पताल ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि मरीज को मृत अवस्था में लाया गया था। अस्पताल की ओर से साझा की गई रिपोर्ट के मुताबिक, व्यक्ति की उम्र साठ साल के आसपास थी और सुबह सात बजकर 37 मिनट पर उसकी मौत हुई।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “आपातकालीन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सर गंगा राम अस्पताल में व्यक्ति की कोविड-19 की जांच हुई थी और एक जून को आई रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई।” अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि वहां से मरीज को घर में पृथक-वास में भेज दिया गया था।

उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को मरीज को अचेत अवस्था में लाया गया और उसका परीक्षण करने के बाद मृत घोषित कर दिया गया। यह पूछे जाने पर कि क्या महिला को अस्पताल में इंतजार करना पड़ा, अस्पताल के एक सूत्र ने बताया कि कोविड-19 के लिए निर्दिष्ट अस्पताल होने के कारण एलएनजेपी अस्पताल में बहुत सारे मरीज आते हैं।

सूत्र ने कहा, “आपातकालीन विभाग में चार डॉक्टर हैं जो सामाजिक दूरी और अन्य नियमों का पालन करते हुए एक साथ चार मरीज देख सकते हैं। लेकिन एक विशेष दल कतार में खड़े लोगों में से तत्काल चिकित्सकीय सहायता की जरूरत वाले लोगों को देखता रहता है।” महिला ने बाद में ट्वीट किया कि उसके सभी परिजनों की कोरोना वायरस जांच कराई जानी चाहिए। 

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