दिल्ली में नए साल की रात को कंझावला में हुए हादसे में मृतक लड़की अंजलि को न्याय दिलाने के लिए हर कोई आवाज उठा रहा है। वहीं इस घटना को लेकर पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहीं किरण बेदी का बयान सामने आया है। उन्होंने इस घटना को लेकर पुलिस और उसकी प्रतिक्रिया को लेकर भी सवाल उठाया है।
किरण बेदी ने कहा, "इस घटना से 3 बातें सामने आती हैं। पहला है पुलिस की प्रतिक्रिया करने की प्रणाली में देरी होना। दूसरा, लोगों में क़ानून का भय न रहना और तीसरा पुलिस का नागरिक एजेंसियों के साथ एकीकरण न होना। अगर सड़क पर रोशनी नहीं होगी तो कौन किसे सूचना देगा?"
पंचतत्व में विलीन हुई अंजलि
वहीं मंगलवार को ही अंजलि का अंतिम संस्कार किया गया है। मंगोलपुरी के श्मशान घाट में अंजलि को आखिरी विदाई देने के लिए जनसैलाब भी उमड़ पड़ा। कई लोगों ने 'अंजलि को इंसाफ दो' के भी नारे लगे। अंजलि की 31 दिसंबर की रात 12 किलोमीटर तक वह कार में फंसकर सड़क पर घिसटने की वजह से मौत हो गई थी। वहीं अंजलि की मां ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई ये बात
अंजलि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की बात से इनकार किया गया है। इसमें कहा गया है कि अंजलि का सिर और रीढ़ की हड्डी बुरी तरह डैमेज हुई है। अंजलि के सिर, रीढ़, दोनों निचले अंगों में मौत के पहले लगी चोट की वजह से ब्लीडिंग हुई थी। सभी चोटें वाहन के एक्सीडेंट और घिसटने की वजह से लगने की आशंका जताई गई है।