केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान पिछले दो दिनों से पंजाब हरियाणा और दिल्ली के बाॅर्डर पर डटे हुए हैं। करीब 36 घंटे तक सड़कों पर डटे रहने के बाद अचानक शुक्रवार दोपहर दो बजे किसानों का यह आंदोलन हिंसक हो गया। दिल्ली से सटे सिंघु बाॅर्डर पर किसानों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। वहीं कुछ किसानों ने बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए पुलिस के वाहनों पर भी हमला बोल दिया।
इस बीच एक दिल दहलाने वाली घटना भी सामने आई। यहां पर उपद्रव कर रहे किसान ट्रेक्टर पर सवार होकर बैरिकेडिंग तो़ड़ने के लिए आमादा हो गए। इस बीच भीड़ पर किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी शुरू कर दिया। इतने में एक ट्रैक्टर पुलिस कर्मियों की ओर बढ़़ा और उन्हें कुचलने की कोशिश की। गनीमत यह रही कि पुलिस कर्मी बाल बाल बच गए। ट्रैक्टर उन्हें छूता हुआ तेजी से दूसरी ओर निकल गया।
किसानों को दिल्ली में प्रवेश की मिली इजाजत
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति मिल गई है। किसानों को बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान पर शांति पूर्ण प्रदर्शन की अनुमति मिल गई है। इससे पहले सिंघु बाॅर्डर पर जमा किसानों का समूह हिंसक हो गया। समूह को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को आंसू गैस के गोले दागे। भीड़ ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही उपद्रवी किसान वाटर कैनन और पुलिस की गाड़ियों पर भी चढ़ गए और वाहनों से तोड़ फोड़ की। पुलिस लगातार भीड़ को पीछे धकेलने के लिए आंसू गैस का प्रयोग कर रही है। साथ ही पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा है। पुलिस ने यहां पांच स्तर की बेरिकेडिंग की है। लेकिन अब से कुछ देर पहले किसानों ने पहले स्तर की बेरिकेडिंग तोड़ दी है। किसानों ने कंक्रीट के ब्लाॅक्स को तोड़ने की कोशिश की है।