Highlights
- महिला का आरोपी के साथ चल रहा था पैसों को लेकर विवाद
- दोनों पक्षों में समझौते के बाद आरोपी ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
- कोर्टा ने दिया 50 पौधे लगाने और 5 साल तक देखभाल करने का आदेश
False Rape Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को रेप का फर्जी मामला दर्ज कराने वाली एक महिला को एक ब्लाइंड स्कूल में समाज सेवा करने का आदेश दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप की शिकायत में आरोपों को दोनों पक्षों के एक समझौता पत्र के विपरीत पाया, जिसके बाद कोर्ट ने इसे बहुत अनुचित और कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करार देते हुए महिला को एक अनोखी सजा सुनाई। कोर्ट ने उसे एक नेत्रहीन (ब्लाइंड) स्कूल में समाज सेवा करने का आदेश दिया।
महिला का आरोपी के साथ चल रहा था पैसों को लेकर विवाद
महिला की शिकायत के अनुसार, दर्ज FIR में कहा गया है कि आरोपी ने उसे कोल्ड ड्रिंक पिलाई और पीने के बाद वह बेहोश हो गई और फिर उसके साथ रेप किया गया। हालांकि, एक समझौता बयान के अनुसार, महिला ने स्वीकार किया कि आरोपी व्यक्ति ने कभी भी उसकी इच्छा के विरुद्ध उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित नहीं किए थे। पता चला कि महिला का आरोपी के साथ पैसों को लेकर विवाद चल रहा था, जिसके कारण वह परेशान थी और कुछ लोगों की गलत सलाह मानकर वह गुमराह हो गई और उसने एफआईआर दर्ज करा दी थी। दोनों पक्षों ने अब अपनी सभी शिकायतों और विवादों को बिना किसी बल, अनुचित प्रभाव या किसी भी दबाव के बिना अपनी मर्जी और पसंद से सुलझा लिया है और इसमें पार्टियों (दोनों पक्ष) की कोई मिलीभगत नहीं है।
दोनों पक्षों में समझौते के बाद आरोपी ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
दरअसल, आरोपी ने दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद FIR रद्द करने की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने कहा कि एफआईआर और समझौता पत्र में आरोप पूरी तरह से विपरीत हैं और उनका मानना है कि महिला का आचरण बहुत अनुचित है और यह कानून की प्रक्रिया का कुल मिलाकर सरासर दुरुपयोग है। जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने हाल के आदेश में कहा, "प्रतिवादी संख्या 2 (महिला) का कहना है कि वह डिप्रेशन से गुजर रही है, जिसके परिणामस्वरूप गुमराह और गलत सलाह के तहत उसने एफआईआर दर्ज की है।"
50 पौधे लगाने और 5 साल तक देखभाल करने का आदेश
जज ने कहा, "मेरा विचार है कि प्रतिवादी नंबर 2 ने अपने पूरे आचरण में बहुत अनुचित किया है।" हालांकि कोर्ट ने मानवीय तौर पर महिला को कोई सख्त सजा नहीं सुनाई। जज ने कहा कि हालांकि, वे इस तथ्य को नहीं भूल सकते कि महिला अपने परिवार के साथ रह रही है और उसके 4 बच्चे हैं (एक बेटी 12 वर्ष की उम्र की है और लगभग 3 वर्ष की उम्र के तीन बच्चे हैं।)
कोर्ट ने महिला के आरोपों पर दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया और महिला को अखिल भारतीय नेत्रहीन परिसंघ, रोहिणी में दो महीने तक हफ्ते के 5 दिन, रोज 3 घंटे के लिए सोशल सर्विस करने का आदेश दिया। मामले में व्यक्ति को रोहिणी क्षेत्र में 50 पौधे लगाने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने कहा, "प्रत्येक पेड़ का नर्सरी जीवन 3 साल का होगा और याचिकाकर्ता इन पेड़ों की 5 साल तक देखभाल करेंगे।"