चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस से फर्जी मतदाता पंजीकरण आवेदन के मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। ये FIR शाहीन बाग पुलिस थाने ने बीएनएस की धारा 336 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और धारा 340 (जाली दस्तावेजों को असली के रूप में इस्तेमाल करना) के तहत दर्ज हुई है।
क्या है मामला?
पुलिस के मुताबिक, निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी से प्राप्त शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कुछ लोगों ने अपने मतदाता पहचान पत्र आवेदन में जालसाजी की है। चार लोगों ने नए मतदाता पंजीकरण और पते में बदलाव के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। पुलिस ने बताया कि आरोपियों और धोखाधड़ी में शामिल संभावित नेटवर्क की पहचान करने के लिए जांच जारी है।
फर्जी दस्तावेज किए थे अपलोड
निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी ओखला के अनुसार, कुछ आवेदकों ने ऑनलाइन आवेदन फॉर्म-6 और फॉर्म-8 के जरिए मतदाता पंजीकरण के लिए दस्तावेज अपलोड किए थे, जो असली नहीं थे। इनमें छेड़छाड़ की गई थी। इन आवेदकों में मोहम्मद जमील आलम, मोहम्मद नईम, सबाना खातून और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं। इन लोगों ने आधार कार्ड और बिजली बिल जैसे दस्तावेजों में छेड़छाड़ की थी और अधिकारियों को धोखा देने की कोशिश की थी।
गंभीर अपराध का आरोप
निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यह एक गंभीर अपराध है, क्योंकि आवेदकों ने जानबूझकर मतदाता सूची में हेरफेर करने के लिए गलत जानकारी और दस्तावेज दिए हैं। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 और सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत ऐसी गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया है और दोषी पाए जाने पर सख्त दंड का प्रावधान है।
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