Highlights
- दिल्ली में शराब की दुकानों पर उमड़ रही है भारी भीड़
- दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू की थी
- जानें विदेशी ब्रांड और देशी पर कितनी मिल रही छूट
नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने कोविड प्रबंधन से जुड़े डीडीएमए के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन करने को लेकर सोमवार को शहर की शराब दुकानों को चेतावनी दी। गौरतलब है कि शराब दुकानों द्वारा दी जा रही छूट का लाभ उठाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने और भीड़ लगने को लेकर उक्त चेतावनी दी गई है। आबकारी विभाग ने यह भी कहा कि शहर में स्थित शराब की दुकानों के लिए अपने परिसर/सामने की जगह में कानून-व्यवस्था बनाए रखना अनिवार्य है। एल-7जेड लाइसेंस धारक दुकानें अपने ग्राहकों को भारतीय और विदेशी शराब पर छूट दे रही हैं।
आबकारी विभाग ने कहा, ‘‘ऐसी कई सूचना मिली है कि भारतीय और विदेशों में बनी शराब पर छूट देने वाली शराब की दुकानों के बाहर या दुकान परिसर में भारी भीड़ लग रही है। इन घटनाओं में डीडीएमए (दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया जा रहा है, ऐसा देखा जा रहा है।’’
विभाग ने कहा कि ये घटनाएं निविदा के प्रावधान 3.4.8 का उल्लंघन करती हैं जिनमें कहा गया है कि ‘‘लाइसेंस धारक अपनी दुकान के आसपास कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जवाबदेह होगा।’’ विभाग ने कहा, ‘‘हालांकि प्रावधान 4.1.6 (छह) की नीतियों और निविदा दस्तावेज के प्रावधान 3.4.8 के तहत लाइसेंस धारक अपनी दुकान के आसपास कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। अगर दुकान के कारण क्षेत्र में कोई हंगामा होता है या सरकार को कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित दुकान का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। लेकिन, जोन के लिए लाइसेंस फीस में कोई बदलाव नहीं होगा।’’
जानें विदेशी ब्रांड और देशी पर कितनी मिल रही छूट
दिल्ली के कई इलाकों में शराब की दुकानों पर लंबी कतारें देखी जा रही हैं। दरअसल, दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू की थी। नई आबकारी नीति के तहत वेंडरों को अपने स्तर पर शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए छूट देने का प्रावधान है। कुछ आउटलेट्स पर शराब के विभिन्न ब्रांडों पर बड़ी छूट की पेशकश की गई है। जहांगीरपुरी, शाहदरा और मयूर विहार सहित शहर के कुछ हिस्सों में शराब की दुकानों पर कुछ आईएमएफएल ब्रांडों पर 35 प्रतिशत तक की छूट की पेशकश की जा रही है।
ठेका संचालकों पर दबाव है कि वो बिक्री को बढ़ाने के लिए काम करें। स्टॉक ज्यादा होने, निर्धारित कोटा खत्म न होने और बिक्री बढ़ाने के दबाव के बीच कुछ इलाकों में छूट दी जा रही है। शराब ठेका संचालकों को विदेशी यानी आयातित ब्रांड पर सबसे ज्यादा मुनाफा होता है। महंगी शराब पर मुनाफा भी अच्छा खासा होता है। इसलिए उस पर छूट देने में कोई परेशानी नहीं होती है। इसलिए विदेशी मदिरा पर कुछ शराब की दुकानों पर 35 फीसदी तक की छूट दी गई।