राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पकड़े 5600 करोड़ के ड्रग्स के तार दुबई से जुड़ने लगे हैं। दुबई में मौजूद भारतीय नागरिक वीरेंद्र बसोया का नाम इंटरनेशनल सिंडिकेट के मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया है। इस मामले में की जांच अबतक सिर्फ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कर रही थी। हालांकि अब इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी भी करेगी। ईडी ने आज दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल से एफआईआर की कॉपी और इस मामले से जुड़े दूसरे दस्तावेज ले लिए हैं। बता दें कि इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर ईडी मामले की जांच करने वाली है।
ईडी करेगी ड्रग्स मामले की जांच
बता दें कि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जल्द ही केस दर्ज करेगी। दिल्ली पुलिस ने वीरेंद्र बसोया उसके बेटे और अन्य कुछ लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया है। बेटे पर सिंडिकेट के लोगों को लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराने का आरोप लगा है। बता दें कि बसोया भारत में ड्रग्स मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। हालांकि जमानत मिलने के बाद वह दुबई शिफ्ट हो गया और इंटरनेशनल ड्रग्स कार्टेल का बड़ा माफिया बन गया है। स्पेशल सेल की जांच में यह बात सामने आई कि ड्रग्स सिंडिकेट का मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी तुषार गोयल और वीरेंद्र बसोया पुराने दोस्त है।
ड्रग्स सिंडिकेट में कौन-कौन शामिल?
बसोया ने ही तुषार को ड्रग्स नेक्सस में अपने साथ जोड़ा था। बसोया ने कोकीन की खेप की डिलिवरी के बदले तीन करोड़ हर एक कन्साईनमेंट पर तुषार को देने की डील की थी। दुबई से बसोया ने इस सिंडिकेट से जुड़े यूके में मौजूद जितेंद्र गिल को भारत जाने को कहा था। इसके बाद तुषार से मिलने के लिए जितेंद्र गिल यूके से दिल्ली आया। यहां तुषार ने जितेंद्र को पंचशील इलाके के एक होटल में रुकवाया था। इसके बाद दोनों गाजियाबाद और हापुड़ ड्रग्स लेने पहुंचे। मुंबई में जो कोकीन सप्लाई होनी थी, उस शख्स की पहचान भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कर ली है और मुंबई में उससे संबंधित संभावित ठिकाने पर छापेमारी की जा रही है।