दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष दिल्ली शराब नीति में कथित रूप से हुए घोटाले में हुए भ्रष्टाचार मामले में दायर 7वें पूरक आरोप पत्र को प्रस्तुत करना शुरू कर दिया है। इस मामले की सुनवाई स्पेशल सीबीआई जज कावेरी बावेजा कर रही हैं। ईडी ने अब तक मामले में कुल 8 आरोपपत्र/अभियोजन शिकायतें दायर की हैं, जिसमें 1 आरोप पत्र +7 अनुपूरक आरोप पत्र शामिल हैं।
ईडी ने आरोप पत्र दाखिल करते हुए कहा कि इस मामले के मुख्य सरगना और साजिशकर्ता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरगना और मुख्य साजिशकर्ता हैं। आम आदमी पार्टी को भी ईडी ने आरोपी बनाया है और कोर्ट में कहा है कि आप के संयोजक के रूप में केजरीवाल की व्यक्तिगत और प्रतिनिधि की भूमिका थी। ईडी ने कोर्ट में कहा कि इस घोटाले की साजिश रचने के समय जो भी पार्टी का प्रभारी था और पार्टी के लिए उत्तरदायी था, उसे ही घोटाले का मुख्य आरोपी माना जाएगा।
ईडी ने कहा कि आम आदमी पार्टी, आप एक राजनीतिक दल है और आरपी अधिनियम के तहत एक राजनीतिक दल व्यक्तियों का एक संघ होता है और पीएमएलए के तहत व्यक्तियों का एक संघ कंपनी अधिनियम की धारा 70 के स्पष्टीकरण एक के अंतर्गत आता है।
ईडी का दावा, बढ़ सकती हैं केजरीवाल की मुश्किलें
अपने आरोप-पत्र पर ईडी ने अतिरिक्त बातें ये कहीं जो काफी अहम मानी जा रही हैं। ईडी ने कहा कि चनप्रीत सिंह ने अपराध की 45 करोड़ की आय को संभाला और सिंह ने उस होटल के लिए रिश्वत के पैसे (पीओसी) से भुगतान किया, जहां केजरीवाल ठहरे थे। हवाला संचालकों को विनोद चौहान का सीधा संदेश ये मिलता है कि केजरीवाल और चौहान के बीच गहरा संबंध था। विनोद चौहान और अभिषेक बोइनपल्ली के बीच के चैट मौजूद हैं। ईडी ने ये भी दावा किया कि चैट में जजों से मिलने का भी जिक्र है। ईडी का कहना है कि विनोद चौहान गैर-कानूनी तरीके से कमाए गए रुपए को हैंडल कर रहे थे।