नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में हो रहे छात्र संघ चुनाव के दौरान दीवारों और सड़कों पर पोस्टर लगाने के मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की है। हाई कोर्ट ने कहा है कि यह लोकतंत्र का उत्सव है न कि मनी लॉन्ड्रिंग का उत्सव है। अदालत ने कहा कि इस तरह से सिस्टम को युवाओं को करप्ट नहीं होने देना चहिए। कोर्ट ने कहा, ‘यह स्थिति देश के आम चुनाव से भी बुरी है। क्या कोई रिकॉर्ड है कि चुनाव में कितना पैसा इस्तेमाल किया जा रहा है? ऐसा लगता है करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है।’
‘तब तक चुनाव को स्थगित किया जाए’
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि पोस्टर दीवार पर लगाए जा रहे हैं, सड़को पर लागए जा रहे हैं और इस तरह से पैसे को बर्बाद नहीं होने देना चहिए। अदालत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा, ‘आपको सख्त एक्शन लेना चाहिए। जब तक पोस्टर हटाए नहीं जाते, जब तक पूरी यूनिवर्सिटी की सफाई नहीं हो जाती, तब तक चुनाव को स्थगित किया जाए। सार्वजनिक संपत्ति पर जो पोस्टर लगे हुए है क्या आपने इसकी फोटो ली है? अगर वह पोस्टर लगाते हैं तो पोस्टर हटाने का खर्चा भी उम्मीदवारों को उठाना होगा।’ दिल्ली हाई कोर्ट को बताया गया कि अब तक DUSU के चुनाव के दौरान 16 हजार बोर्ड, दो हजार होर्डिंग, 2 लाख से ज्यादा पोस्टर हटाए जा चुके है।
‘सिर्फ 5 हजार खर्च करने की इजाजत’
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि लिंगदोह कमेटी के अनुसार सिर्फ 5 हजार खर्च करने की इजाजत है और पोस्टर हाथ के बने हुए होने चहिए। कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रशासन से कहा कि जिनके नाम के पोस्टर लगे हुए है उनसे उसको हटाने का पैसे वसूला जाए, आप अपने आप को इतना असहाय महसूस मत करिए। अदालत ने कहा, ‘चुनाव में कोई अकेले नहीं लड़ रहा है,चुनाव में संगठन शामिल हैं।’ दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा हमने सभी 21 उम्मीदवारों को सर्कुलर जारी कर दिया है, जिसमें लिंगदोह कमेटी के नियम का पालन करने के लिए कहा गया है। उसने कहा कि पोस्टर और बैनर को हटाने का निर्देश भी दिया गया है, दिल्ली चुनाव समिति इस पर पैनी नजर रखे हुए है।
‘कल से ही पोस्टर हटाए जाने शुरू हो गए हैं’
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा, ‘अगर उम्मीदवार चुनाव के दौरान लिंगदोह कमेटी के नियम का पालन नहीं करेंगे तो उनकी उम्मीदवारी भी रद्द कर दी जाएगी। लोगों को आ रही दिक्कतों को लेकर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। उम्मीदवारों के साथ एक बैठक भी बुलाई गई थी, जिसमें सिर्फ 2 उम्मीदवार बैठक में शामिल हुए थे, 4 लिखित जवाब भी मिले हैं। 25 सितंबर शाम 5 बजे तक पोस्टर को हटाने का निर्देश दिया गया है, अगर ऐसा नहीं करेंगे तो उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाएगी। कल से ही पोस्टर हटाए जाने शुरू हो गए हैं।’
‘आप चुनाव इस तरह से कैसे होने दे सकते हैं?’
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वाइस चांसलर को इस मुद्दे पर बैठक करनी चाहिए जिसमें दिल्ली पुलिस और आला अधिकारियों को भी शामिल होना चहिए। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अधिकरियों को ही नहीं पता है कि उनके पास क्या शक्तियां है? कोर्ट ने पूछा कि आप चुनाव इस तरह से कैसे होने दे सकते हैं? अदालत ने अधिकारियों से अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने को कहा है।