नई दिल्ली:दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना के फरमान के बाद अब दिल्ली के सभी जिलाधिकारी गांवों में एक रात गुजारेंगे और विकास योजनाओं की समीक्षा कर उसके मुताबिक योजनाओं की रूपरेखा तय करेंगे।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली के सभी 11 जिलों को जिलाधिकारियों को यह निर्देश जारी किया गया है कि वे गांवों में एक रात गुजारेंगे।
राज निवास के अधिकारियों ने बताया कि इस माह के प्रारंभ में 180 गांवों के प्रतिनिधियों के साथ ‘संवाद एट राजनिवास’ संवाद पहल के बाद उपराज्यपाल ने घोषणा की जिलाधिकारी अपने अपने जिलों में गांवों में एक रात गुजारेंगे । उन्होंने कहा कि उस हिसाब से जिलाधिकारी सात जनवरी को सुबह गांवों में पहुंचेंगे और वहीं रात बितायेंगे। उन्होंने कहा कि गांवों में ठहरने के दौरान अधिकारी क्षेत्र एवं आसपास के गांवों के लोगों के साथ ‘संवाद’ सत्र करेंगे तथा फिर योजना तैयार करेंगे जिसे दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) अमल में लाएगा।
राजनिवास के अधिकारियों ने बताया कि इस पूरी कवायद का लक्ष्य महत्वाकांक्षी ‘दिल्ली ग्रामोदय अभियान’ के तहत दिल्ली के गांवों के लोगों के साथ संवाद कर उनके विकास की योजना तैयार करना है । डीडीए 800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से यह महत्वाकांक्षी अभियान अमल में लाएगा। उपराज्यपाल डीडीए के अध्यक्ष भी हैं।
दिल्ली दंगा मामले: विशेष लोक अभियोजक ने इस्तीफा वापस लिया
उत्तर पूर्व दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के सिलसिले में दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। प्रसाद शनिवार को इस सांप्रदायिक दंगे के पीछे की कथित बड़ी साजिश से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी की अदालत में पेश हुए। इस दंगे में 53 लोगों की जान चली गयी थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। प्रसाद पिछले साढ़े तीन सालों में इस दंगे से संबंधित मामलों में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने 15 दिसंबर, 2023 को दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना को अपना त्यागपत्र भेजा था। हालांकि उन्होंने श्रद्धा वालकर हत्याकांड में विशेष लोक अभियोजक बने रहने का फैसला किया था।
प्रसाद ने कहा, ‘‘ संबंधित अधिकारियों द्वारा बार-बार अनुरोध किये जाने के कारण मैंने अपने निर्णय पर पुनर्विचार किया । मैंने अपना इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया है और मैं (दंगों से संबंधित) मामलों में पेश होता रहूंगा।’’ एक अदालती सूत्र ने बताया कि शनिवार को इस मामले में प्रसाद के साथ दो अन्य विशेष लोक अभियोजक पेश हुए जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि अभियोजन पक्ष ने इस मामले में अपने कर्मियों की संख्या, गंभीरता और कोशिश बढ़ा दी है। सूत्र ने कहा कि दंगे के मामलों में कार्यवाही के प्रारंभ से चार विशेष लोक अभियोजक इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन किसी से भी अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करने को कहा गया था। इस बीच, अदालत ने बड़ी साजिश के मामले में पांच आरोपियों द्वारा दायर किये गये आवेदनों पर फिर से बहस के लिए 15 जनवरी की तारीख तय की। आरोपियों ने अदालत से अनुरोध किया है कि आरोप निर्धारण पर दलीलें सुने जाने से पहले जांच की स्थिति से उन्हें अवगत कराया जाए।