Sunday, November 03, 2024
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धर्मेंद्र होंगे दिल्ली के नए मुख्य सचिव, 1 सितंबर से नरेश कुमार की जगह संभालेंगे कार्यभार

1989 बैच के आईएएस अफसर धर्मेंद्र फिलहाल अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं। अब उन्हें दिल्ली की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

Reported By : Bhaskar Mishra Edited By : Shakti Singh Updated on: August 31, 2024 13:10 IST
Dharmendra- India TV Hindi
Image Source : X/ANI आईएएस अधिकारी धर्मेंद्र

1989 बैच के आईएएस अफसर धर्मेंद्र को दिल्ली का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। वह एक सितंबर से अपना प्रभार संभालेंगे। इससे पहले धर्मेंद्र अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव थे। उन्हें नरेश कुमार की जगह यह जिम्मेदारी दी गई है। 1987 बैच के आईएएस अधिकारी नरेश कुमार का सेवा विस्तार 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है। नरेश कुमार का कार्यकाल केंद्र सरकार ने दो बार बढ़ाया था। अब उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त किया जाएगा और धर्मेंद्र को यह पद सौंपा जा रहा है।

गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा, "सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से धर्मेंद्र, आईएएस (एजीएमयूटी:1989) को अरुणाचल प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित किया जाता है और उन्हें 01.09.2024 से या कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से, जो भी बाद में हो, जीएनसीटीडी के मुख्य सचिव के पद पर तैनात किया जाता है।" डायरेक्टर अनीस मुरलीधरन ने यह नियुक्ति की है।

दिल्ली सरकार से नरेश का टकराव

दिल्ली के मुख्य सचिव के रूप में नरेश कुमार के आम आदमी पार्टी की सरकार के साथ टकराव होते रहे हैं। पिछले साल नवंबर में आम आदमी पार्टी ने नरेश कुमार पर गंभार आरोप लगाए थे। दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी ने 670 पन्नों की एक जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपी थी, जिसमें भूमि अधिग्रहण के एक मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार की ‘‘प्रथम दृष्टया मिलीभगत’’ होने का आरोप लगाया गया था। साथ ही, दावा किया गया था कि इससे हितधारकों को 897 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ प्राप्त हुआ होगा। इस पर कुमार ने पूछा था कि '' किस आधार पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं, खासकर तब जबकि मुख्य सचिव ने पिछले साल यानी 2022 में ही कार्यभार संभाला था। रिपोर्ट की प्रति साझा नहीं की गई है। ऐसे में कोई किस आधार पर प्रतिक्रिया दे सकता है।’’ रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री ने निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मुख्य सचिव कुमार और संभागीय आयुक्त अश्विनी कुमार को उनके पदों से हटाने की सिफारिश की थी।

क्या थे आरोप

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्य सचिव के बेटे एक रियल्टी फर्म में काम करते थे और उस कंपनी के एक निदेशक, सुभाष चंद कथूरिया के दामाद थे। कथूरिया, दक्षिण-पश्चिम बामनोली गांव में अधिग्रहित भूमि के मालिकों में से एक थे तथा उन्हें इस सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा दिया गया था। सतर्कता मंत्री की प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया था, ‘‘हासिल किया गया अनुचित लाभ पहले की सतर्कता रिपोर्ट की तुलना में काफी अधिक है। दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र के तत्कालीन जिलाधिकारी हेमंत कुमार द्वारा अवैध एवं बढ़ा-चढ़ा कर निर्धारित किये गये मूल्य के आधार पर बामनोली गांव में 19.081 एकड़ भूमि के लिए कथुरिया को हासिल हुआ अनुचित लाभ 897.1 करोड़ रुपये रहा होगा। यह सतर्कता रिपोर्ट में प्रदर्शित किये गये 353.79 करोड़ रुपये के अनुमान से बहुत अधिक है।’’

 

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