दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डेंगू का कहर कम नहीं हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी में नवंबर के शुरुआती ढाई सप्ताह में डेंगू के 800 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिससे इस साल मच्छर जनित बीमारी के संक्रमण की संख्या बढ़कर 3,000 से अधिक हो गई है। नगर निगम द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
अक्टूबर के महीने में डेंगू के 1,238 मामले दर्ज किए गए थे। ग्यारह नवंबर तक डेंगू संक्रमण की संख्या 2,761 थी और इस महीने 18 नवंबर तक 283 मामले दर्ज किए गए हैं। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में इस साल मलेरिया के 219 और चिकनगुनिया के 44 मामले भी दर्ज किए गए हैं। डेंगू के कुल रिपोर्ट किए गए 3,044 मामलों में से 693 सितंबर में सामने आए थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में दिल्ली में एक जनवरी से 11 नवंबर की अवधि में 4,375 मामले दर्ज किए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अब तक इस बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई है, जबकि 2021 में डेंगू से 23 लोगों की जान चली गई थी। वर्ष 2015 में दिल्ली में बड़े पैमाने पर डेंगू का प्रकोप देखा गया था, अक्टूबर में मामलों की संख्या 10,600 को पार कर गई थी।
1996 के बाद से यह दिल्ली का सबसे खराब डेंगू का प्रकोप था। सोमवार को जारी एमसीडी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में जनवरी में डेंगू के 23 मामले, फरवरी में 16, मार्च में 22, अप्रैल में 20, मई में 30, जून में 32, जुलाई में 26 और अगस्त में 75 मामले दर्ज किए गए। डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों के मामले आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच रिपोर्ट किए जाते हैं, जो कभी-कभी दिसंबर के मध्य तक फैलते हैं।
एमसीडी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मच्छर जनित बीमारियों के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, दाने और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल हैं, जो कि कोविड-19 के समान हैं, जिसमें बुखार या ठंड लगना, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, थकान और सिरदर्द भी शामिल है।