दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को कहा कि पश्चिमी दिल्ली स्थित विधवा कॉलोनी का नाम बदलकर गुरु गोविंद सिंह की मां माता गुजरी के नाम पर रखा गया है। इस कॉलोनी में मुख्य रूप से 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ित रहते हैं। पिछले वर्ष नवंबर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसे लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया था। दरअसल यहां के निवासियों के सुझाव के अनुसार विधवा कॉलोनी का नाम बदलने का निर्देश उपराज्यपाल ने दिया था। उपराज्यपाल ने इसे लेकर सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा कि पश्चिमी दिल्ली में दुखद घटना के बाद नामित विधवा कॉलोनी का नाम बदलकर गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के अवसर पर उनकी मां माता गुजरी कर दिया गया है।
विधवा कॉलोनी का बदला नाम
उन्होंने कहा, 'कॉलोनी का नाम यह इसलिए रखा गया क्योंकि वहां रहने वाले अधिकतर लोग 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के दौरान मारे गए लोगों की विधवाएं थीं।' उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के परिजनों को नियुक्ति के प्रस्ताव भी वितरित किए गए, तथा इससे पहले भर्ती के लिए पात्रता में लंबे समय से लंबित छूट को भी मंजूरी दी गई।’’ बता दें कि इन दिनों दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के लगातार कार्रवाई का जा रही है। इसी कड़ी में सेंट्रल दिल्ली पुलिस ने पिछले 6 दिनों में 9 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है। यह गिरफ्तारियां बड़ी तफ्तीश के तहत की गई है, जिसमें दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है। पुलिस के मुताबिक, 7 बांग्लादेशी नागरिकों को नवी करीम नाम के होटल से पकड़ा गया, ये लोग टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे और फिर फर्जी दस्तावेज बनाकर भारत में रह रहे थे।
कुछ डंकी रूट से भारत में हुए दाखिल
इसके अलावा कुछ बांग्लादेशी नागरिक डंकी रूट के जरिए भारत में दाखिल हुए थे। डंकी रूट का इस्तेमाल करके ये लोग पहले पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा से होते हुए दिल्ली पहुंचे। इस रूट का इस्तेमाल अवैध तरीके से सीमा पार करने के लिए किया जाता है। अब तक, सेंट्रल दिल्ली पुलिस कुल 14 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में ले चुकी है और उन्हें फॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) के पास भेज दिया गया है, जहां इनकी कागज़ातों की जांच की जाएगी।
(इनपुट-भाषा)