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दिल्ली: यमुना का जलस्तर कम हुआ लेकिन मंडरा रहा बाढ़ का खतरा! सामने आई वजह

दिल्ली में आज सुबह झमाझम बारिश हुई थी और आने वाले दिनों में भी बारिश के आसार बने हुए हैं।

Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : Jul 26, 2023 14:24 IST, Updated : Jul 26, 2023 14:24 IST
Delhi Yamuna
Image Source : FILE यमुना

नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बुधवार सुबह खतरे के निशान 205.33 मीटर से नीचे आ गया, लेकिन फिर भी अभी खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है क्योंकि आज सुबह हुई भारी वर्षा की वजह से ये जलस्तर दोबारा बढ़ सकता है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह नौ बजे लोहे के पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 205.09 मीटर दर्ज किया गया। 

दिल्ली में कितनी बारिश दर्ज की गई?

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों से पता चलता है कि बुधवार सुबह आठ बजकर 30 मिनट तक पिछले 24 घंटे की अवधि में सफदरजंग मौसम केंद्र पर 37.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसी तरह लोधी रोड में 35.1, आयानगर में 26, मुंगेशपुर में 53.5 और मयूर विहार के मौसम केंद्र 110.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। यमुना का जलस्तर 13 जुलाई को 208.66 मीटर के अब तक के सबसे हाईलेवल पर पहुंच गया था और उसके बाद से बार-बार जलस्तर में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। 

कहां होगी बारिश?

IMD ने 27 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के बाद हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद रविवार को दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था। 

रेलवे को रविवार रात लोहे के पुराने पुल पर ट्रेनों की आवाजाही रोकनी पड़ी थी। अधिकारियों ने बताया कि नदी के जल स्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित इलाकों में चल रहे राहत और पुनर्वास कार्य पर असर पड़ने की आशंका है। सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार, यमुना में जल स्तर शनिवार रात 10 बजे 205.02 मीटर से बढ़कर सोमवार सुबह तीन बजे 206.57 मीटर हो गया और फिर गिरावट शुरू हो गई। 

दिल्ली को इस महीने अभूतपूर्व जलभराव और बाढ़ से जूझना पड़ा। शुरुआत में आठ जुलाई और नौ जुलाई को भारी बारिश के कारण बड़े पैमाने पर जलजमाव हुआ। इसके बाद हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा सहित यमुना के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण नदी के जलस्तर में रिकॉर्ड वृद्धि हुई। नदी का जल 13 जुलाई को 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।

इसने सितंबर 1978 में 207.49 मीटर के सबसे अधिक जलस्तर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। दिल्ली में यमुना के तटीय इलाकों में बाढ़ के कारण 27,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बाढ़ के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। विशेषज्ञों ने इसके लिए नदी के बाढ़ क्षेत्र में अतिक्रमण, थोड़े समय में अत्यधिक वर्षा और गाद जमा होने को जिम्मेदार ठहराया था। (इनपुट: भाषा)

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