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Delhi Wewather: इस बार दिल्ली पर मेहरबान नहीं रहा मानसून, जानिए कितने फीसदी कम रही बारिश और कब शुरू होगी ठंड?

Delhi Weather:

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Sep 11, 2022 7:16 IST, Updated : Sep 11, 2022 7:16 IST
Delhi Weather
Image Source : PTI Delhi Weather

Highlights

  • 12 और 13 सितंबर को दिल्ली के कुठ इलाकों में बारिश के आसार
  • पूरी दिल्ली में जोरदार बारिश से ही मिलेगी गर्मी से निजात
  • दिल्ली में मॉनसून 20 सितंबर को विदा होता है

Delhi weather: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र इस बार तेज गर्मी और उमस की मार से बहुत प्रभावित रहा है। आलम यह रहा है कि इस बार बारिश कम होने के कारण उमस, चिपचिपी गर्मी लोगों को सहना पड़ी है। सितंबर आते आते लोग गर्मी से अब बुरी तरह परेशान हो चुके हैं। इस बार दिल्ली और आसपास के इलाकों में औसत से 38 फीसदी कम बारिश हुई है। ऐसे में मौसम से जुड़े जानकारों का मानना है कि ठंड की शुरुआत भी कुछ देरी से होगी। मौसम एजेंसी स्काईमेट की मानें तो 15 नवंबर से सर्दियों की आहट शुरू होती है, लेकिन दिल्ली एनसीआर में इस बार कम बारिश की वजह से गर्मी कुछ देर से आएगी।  जिस तरह बारिश का सूखा दिख रहा है, ऐसे में गर्मी से राहत की बड़ी उम्मीद भी नहीं दिखती है।

12 और 13 सितंबर को दिल्ली के कुठ इलाकों में बारिश के आसार

 स्काइमेट के अनुसार 12 और 13 सितंबर को राजधानी के कुछ हिस्सों में बारिश होगी। इससे तापमान दो से तीन डिग्री कम हो सकता है। बारिश के कारण गर्मी से थोड़ी निजात मिल सकती है, लेकिन इससे ज्यादा राहत की उम्मीद नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि तापमान में कमी तभी संभव है, जब तेज बारिश होती है और वह भी राजधानी और आसपास के हर हिस्से में हो। इस मॉनसून में 90 फीसदी बारिश तो छिटपुट इलाकों में हुई है। इस मॉनसून में 90 प्रतिशत से अधिक बारिश ऐसी हुई है, जो स्थानीय जगहों पर हुई है। इसलिए उस बारिश ने गर्मी से राहत दिलाने का काम नहीं किया।

9 में से 6 जिलों में 30 फीसदी कम बारिश

भारतीय मौसम विभाग ने राजधानी को 9 जिलों में विभाजित किया है।  इस बार 9 में से 6 जिलों में बारिश 30 प्रतिशत से कम हुई है। दो जिलों उत्तर पूर्वी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली में तो बारिश की कमी 60 प्रतिशत से भी ज्यादा रही है। सामान्य परिस्थिति में मानसून की विदाई देश से 17 सितंबर से शुरू हो जाती है, जबकि दिल्ली में मॉनसून 20 सितंबर को विदा होता है। लेकिन इस बार मानसून के राजधानी के विदा होने की कोई संभावना नहीं जताई गई है। कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण मानसून जाने के आसार फिलहाल के दिनों में नहीं हैं। 

लगातार उमस भरी गर्मी में रहने का क्या होता है नतीजा

लगातार उमसभरी गर्मी से वेट बल्ब टेंपरेचर बढ़ता है। वेट बल्ब टेंपरेचर अधिकतम तापमान और नमी के स्तर को मिलकर बनता है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक सामान्य आदमी के लिए 32 डिग्री वेट बल्ब में रहना काफी अहसनीय हो जाता है। सामान्य व्यक्ति 45 डिग्री तापमान सह सकता है, बशर्ते हवा में नमी कम हो। लेकिन 35 डिग्री तापमान में नमी का स्तर 50 से 55 डिग्री तक हो तो व्यक्ति के लिए ऐसा मौसम असहज हो जाता है। ऐसे मौसम में व्यक्ति की कार्य करने की क्षमता के साथ इम्युनिटी कम होती है। व्यक्ति को गुस्सा अधिक आने लगता है। सांस की समस्या के साथ त्वचा संबंधी प्रॉब्लम होने लगती है।

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