नयी दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में शुक्रवार शाम बारिश से मौसम सुहाना हो गया। दिल्ली के कई इलाकों में झमाझम बारिश से लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है। राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में शुक्रवार को हुई बारिश से पिछले तीन दिनों से लू से जूझ रहे दिल्लीवासियों को कुछ राहत मिली। मौसम विभाग ने शाम को आंधी चलने और बारिश होने का अनुमान जताया था।
राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो 2012 के बाद जुलाई में दर्ज किया गया सर्वाधिक तापमान था। विभाग के अनुसार, शहर में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सुबह साढ़े आठ बजे हवा में आर्द्रता का स्तर 25 प्रतिशत रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि शहर में सात जुलाई तक मानसून आने की ‘‘कोई संभावना’’ नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार शाम को मौसम में अचानक बदलाव हुआ और तेज गति से हवाएं चलने लगी तथा कुछ क्षेत्रों में बारिश भी हुई।
वहीं मौसम विभाग ने एक और अनुमान लगाया था कि जुलाई की शुरुआत में दिल्ली-एनसीआर में अच्छी बारिश हो सकती है लेकिन जुलाई के पहले ही दिन जिस तरह की गर्मी पड़ी उसने 89 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। लेकिन जुलाई के दूसरे दिन दिल्ली के कई इलाकों में हुई झमाझम बारिश ने लोगों को राहत दी।
बता दें कि, देश के कई हिस्सों में मॉनसून की गति पिछले दो हफ्तों में काफी धीमी पड़ गई है। मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि दिल्ली में अभी मॉनसून के पहुंचने में वक्त लगेगा। मौसम विभाग के मुताबिक, मौजूदा मौसमी परिस्थितियां, बड़े पैमाने की वायुमंडलीय विशेषताएं और अनुमानित हवा के क्रम को देखते हुए कहा जा सकता है कि राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के शेष हिस्सों तथा पंजाब में अगले चार- पांच दिनों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए कोई अनुकूल परिस्थितियां बनने के आसार नहीं हैं।
89 सालों में 1 जुलाई को सबसे गर्म रही दिल्ली
जुलाई का पहला दिन बीते 89 सालों में सबसे गर्म रहा। 1931 के बाद पहली बार अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, न्यूनतम तापमान भी बीते एक दशक में सबसे ज्यादा 31.7 डिग्री सेल्सियस रहा। दूसरी तरफ दिल्ली लगातार तीसरे दिन लू के थपेड़े झेलती रही। दक्षिण-पश्चिम मानसून हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पश्चिमी राजस्थान और पंजाब को छोड़ देश के बाकी हिस्सों में पहुंच गया है।
इन राज्यों में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान
उत्तर प्रदेश से असम तक एक मॉनसून ट्रफ-एक विस्तारित कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके चलते बंगाल की खाड़ी से तेज नम दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के आने की उम्मीद है, जो अगले कुछ दिनों के लिए पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश के साथ बहुत भारी बारिश लाएगी। मौसम विभाग के मुताबिक अगले पांच दिनों के लिए बिहार, उत्तरी बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ व्यापक बारिश की भविष्यवाणी की गई है। 2 और 3 जुलाई को असम, मेघालय, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा का अनुमान है।