दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच जल संकट बढ़ता जा रहा है। लोग परेशान हैं तो सियासत अपने चरम पर है। दूसरी ओर मामले पर कोर्ट एक्शन में है। जल संकट मामले में दिल्ली सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है। दिल्ली सरकार ने अपने जवाब में कहा कि वह टैंकर माफिया पर कार्रवाई नहीं कर सकता है क्योंकि टैंकर माफिया यमुना के दूसरी तरफ हरियाणा में ऑपरेट करते हैं।
टैंकर माफिया पर दिल्ली सरकार ने कहा-
- टैंकर माफिया यमुना नदी के हरियाणा की ओर सक्रिय है और याचिकाकर्ता के पास इसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है।
- यह हरियाणा को बताना है कि वह दिल्ली को पानी की पूरी आपूर्ति को जारी करने के बिंदु और प्राप्ति के बिंदु के बीच संरक्षित करने के लिए क्या कदम उठा रहा है।
- दिल्ली में पानी की बर्बादी को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने जो कदम उठाए है उसमें कहा कि-
- डीजेबी ने एनआरडब्ल्यू को कम करने के लिए घरेलू सेवा कनेक्शनों के रखरखाव का काम अपने हाथ में ले लिया है।
- डीजेबी ने पिछले आठ वर्षों के दौरान लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी अपनी लीकेज और पुरानी जल लाइनों को बदल दिया है। इस प्रकार, औसतन, लगभग 437.5 किलोमीटर पुराने पाइप सालाना बदले जा रहे हैं।
- डीजेबी दोषपूर्ण मीटरों को बदल रहा है।
- डीजेबी ने प्राथमिक और माध्यमिक प्रणाली में लगभग 3285 बल्क फ्लो मीटर की स्थापना के लिए परियोजनाएं शुरू की हैं।
- झंडेवालान में एक डेटा सेंटर स्थापित किया गया है जहां वास्तविक समय में पानी की खपत का ऑनलाइन डेटा प्राप्त होता है।
- डीजेबी ने पानी के मीटर प्राप्त करने की प्रणाली को सुव्यवस्थित कर दिया है और अनुमोदित विनिर्देशों के पानी के मीटर अब खुले बाजार से खरीदे जा सकते हैं।
- जिन उपभोक्ताओं के मीटर ख़राब हैं उन्हें निजी मीटर से बदलने की अनुमति दी गई है। ऐसे उपभोक्ता अपने मीटर की सिक्योरिटी वापस करा सकते हैं या अपने पानी के बिल में राशि समायोजित करा सकते हैं।
- लीक डिटेक्शन सेल को मजबूत किया गया है, जिसने पिछले 6 महीनों के दौरान लगभग 2000 लीकेज का पता लगाया है।
- घरेलू सेवा कनेक्शनों को बेहतर सामग्री, यानी मध्यम घनत्व पॉलीथीन (एमडीपीई) से बदला जा रहा है।
- डीजेबी अपने जल नेटवर्क के माध्यम से 28.26 लाख सक्रिय उपभोक्ताओं को पानी की आपूर्ति करता है।
टैंकर माफिया को न रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट आज फिर दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगा। बुधवार को सुनवाई में जस्टिस पीके मिश्रा और पीबी वराले की बेंच ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए। आपको बता दें कि कल हुई सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली की AAP सरकार को पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को न रोकने को लेकर फटकार लगाई थी जिसपर आज भी सुनवाई होगी।
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