Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. दिल्ली जल संकट मामला: सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को फटकार लगाई, कहा-क्यों न चले अवमानना का केस

दिल्ली जल संकट मामला: सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को फटकार लगाई, कहा-क्यों न चले अवमानना का केस

हिमाचल सरकार की तरफ से कहा गया है कि हमारी नीयत सही थी, जो जवाब दाखिल किया गया है उसमें कुछ कमियां हैं उसको ठीक किया जाएगा और कोर्ट के सामने रिकॉर्ड को दिया जाएगा।

Reported By : Atul Bhatia Edited By : Niraj Kumar Updated on: June 13, 2024 15:01 IST
Supreme court- India TV Hindi
Image Source : FILE सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली जल संकट मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को फटकार लगाई और कहा कि  बेहद संवेदनशील मामले में गलत जवाब कोर्ट में दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा 137 क्यूसेक अतरिक्त पानी की बात कही है। इतना संवेदनशील मामला में उतना ही हल्का जवाब दिया गया। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा-आप पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा क्यों न चलाया जाए?

हिमाचल सरकार ने मांगी माफी

हिमाचल सरकार ने कहा वो माफी मांगते है, वो हलफनामा दाखिल कर अपने जवाब को रिकॉर्ड से वापस लेंगे। हिमाचल सरकार की तरफ से कहा गया है कि हमारी नीयत सही थी हालांकि जो जवाब दाखिल किया गया है उसमें कुछ कमियां है उसको ठीक किया जाएगा और कोर्ट के सामने रिकॉर्ड को दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप यमुना बोर्ड के समाने जाकर अपनी बात को रखें। हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हम अपना हलफनामा वापस ले रहे हैं और इसकी जगह एक नया हलफनामा दाखिल करेंगे। हिमाचल प्रदेश सरकार के आग्रह को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

हमारे पास अतिरिक्त पानी नहीं-हरियाणा

सुप्रीम कोर्ट ने सुनावाई के दौरान हरियाणा सरकार के बयान को रिकॉर्ड पर लिया। 6 जून के आदेश के मुताबिक अदालत ने सभी पक्षों को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। सिंघवी जो दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए उन्होंने कोर्ट को बताया कि वजीराबाद में पानी करार के मुताबिक मेंटेन नही किया गया। जबकि हरियाणा सरकार ने कहा की उन्होंने मुनक कैनाल के जरिए पानी को रिलीज किया है।  हरियाणा सरकार ने कहा की उनके पास अतरिक्त पानी नही है। लेकिन करार 1994 के करार के मुताबिक वो दिल्ली को पानी दे रहे है।

यमुना रिवर फ्रंट बोर्ड मामले को सुने-सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा सभी पक्षों को सुनने के बाद हमारा मानना है। यमुना पानी का बंटवारा एक जटिल मुद्दा है। अदालत इस विषय की विशेषज्ञ नही है। ऐसे में इस मामले को यमुना रिवर फ्रंट बोर्ड को सुनना चाहिए। इस विषय में बोर्ड ने पहले ही निर्देश जारी किए है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बोर्ड इस संबंध में शुक्रवार को संबंधित पक्षों की एक मीटिंग बुलाए। दिल्ली सरकार की याचिका का कोर्ट ने निस्तारण किया।

हमारे पास अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपाय-दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पानी की बर्बादी के मुद्दे पर हमने पहले ही बहुत सारे उपाय किए हैं। हम जल संकट की समस्या को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। सिंघवी ने कहा कि दिल्ली जल संकट के लिए हमारे पास अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपाय हैं।

गुरुग्राम में पानी का नुकसान ज्यादा, दिल्ली में नहीं-सिंघवी

सिंघवी ने कहा कि हरियाणा का कहना है कि हम 52 फीसदी पानी का नुकसान कर रहे,  यह सही नहीं है। गुरुग्राम में नुकसान अधिक है। मैं चाहता हूं कि दैनिक निगरानी हो और  इसकी निरंतर निगरानी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिमाचल ने एक भी लीटर पानी नहीं छोड़ा और कोर्ट के सामने गलत बयान दिया। इस तरह के बयान की इजाजत नही दी जा सकती।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement