नई दिल्ली: दिल्ली वक्फ बोर्ड ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन सभी कर्मचारियों की नियुक्ति 2019 में दिल्ली वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अमानतुल्लाह खान ने कराई थी। इन सभी को नियमों के खिलाफ जाकर नौकरी पर रखने के आरोप लग रहे थे और इस मामले में जांच भी चल रही है। बता दें कि कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान के यहां छापेमारी के बाद ED ने आरोप लगाया था कि उन्होंने दिल्ली वक्फ बोर्ड में अवैध भर्तियों के जरिए ‘अपराध से भारी मात्रा में नकदी जमा की’ और उक्त राशि का इस्तेमाल अपने सहयोगियों के नाम अचल संपत्ति खरीदने में की।
‘पैसे का इस्तेमाल प्रॉपर्टी खरीदने में हुआ’
ED ने खान और उनसे जुड़े लोगों के 13 स्थानों पर छापेमारी की थी। एजेंसी ने एक बयान में दावा किया था कि छापेमारी की कार्रवाई 2018-2022 तक अमानतुल्लाह खान के दिल्ली वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए उसमें की गई गैर कानूनी भर्तियों और वक्फ की संपत्तियों को निजी लाभ के लिए अनुचित तरीके से पट्टे पर देने से संबंधित मामले में की गई। उसने बताया था कि CBI द्वारा दर्ज FIR और दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज 3 शिकायतों के आधार पर खान के खिलाफ कार्रवाई की गई। ED के मुताबिक, अमानतुल्लाह ने कथित गलत तरीके से कमाए गए पैसे का इस्तेमाल दिल्ली में खुद से जुड़े लोगों के नाम अचल संपत्ति खरीदने में किया।’
‘ED ने मुझे 12 घंटे तक परेशान किया’
वहीं, अमानतुल्लाह खान ने इस मामले पर बोलते हुए कहा था कि दिल्ली वक्फ बोर्ड में आयोजित भर्ती के संबंध में उनके खिलाफ 2016 की CBI की FIR में भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं था। खान ने आरोप लगाया कि उन्हें केवल ED द्वारा परेशान किया गया। ED की छापेमारी खत्म होने के बाद खान ने अपने ओखला स्थित घर के सामने कहा, ‘वे सुबह सात बजे मेरे घर की तलाशी लेने आए थे। मेरे घर में कुछ भी नहीं है। उन्हें न तो पहले कुछ मिला, न ही इस बार कुछ मिला। उन्होंने केवल मेरा मोबाइल फोन ले लिया। उन्होंने मुझे 12 घंटे तक परेशान किया। उन्होंने सभी बक्से और दराजें खोलीं और कपड़े खंगाले।’