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दिल्ली के स्कूलों में बड़ा घोटाला, विजिलेंस जांच में 1300 करोड़ की हेरफेर का खुलासा

दिल्ली के स्कूलों में बड़ा घोटाला सामने आया है। विजिलेंस जांच में 1300 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ है। दावा किया गया है कि 2400 क्लासरूम के कंस्ट्रक्शन में पैसों की हेराफेरी की गई।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Nov 25, 2022 10:25 IST, Updated : Nov 25, 2022 10:25 IST
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
Image Source : FILE PHOTO दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

दिल्ली नगर निगम चुनाव के पहले आम आदमी पार्टी की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही हैं। जेल में मसाज और वीवीआईपी ट्रीटमेंट पर बवाल अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि इसी बीच दिल्ली के स्कूलों में बड़ा घोटाला सामने आया है। सत्येंद्र जैन के बाद अब दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विजिलेंस जांच में 1300 करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ है। दावा किया गया है कि 2400 क्लासरूम के कंस्ट्रक्शन में पैसों की हेराफेरी की गई। विजिलेंस निदेशालय ने इस स्कैम की जांच की सिफारिश कर दी है। 

बिना टेंडर के 42 करोड़ के काम कराए

शिक्षा विभाग और PWD के अधिकारियों के खिलाफ जांच की सिफारिश की गई है। जांच में खुलासा हुआ है कि 5 स्कूलों में बिना टेंडर के 42 करोड़ के काम करा दिए गए। स्कूलों में 116 टॉयलेट ब्लॉक की जरूरत थी, लेकिन 1214 टॉयलेट ब्लॉक बना दिए गए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय ने जांच की सिफारिश करते हुए एक रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी है।

फरवरी 2020 में दिल्ली सरकार से मांगा था जवाब
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने 17 फरवरी, 2020 की एक रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2,400 से ज्यादा क्लासरूम के निर्माण में "गंभीर अनियमितताओं" को हाईलाइट किया। विजिलेंस आयोग ने फरवरी 2020 में मामले पर अपनी टिप्पणी मांगने के लिए दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय को रिपोर्ट भेजी थी।

ढाई साल तक रिपोर्ट को दबाए बैठे रहे
एक सूत्र ने कहा, "निदेशालय हालांकि ढाई साल तक रिपोर्ट को दबाए बैठा रहा, जब तक कि एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव से इस साल अगस्त में इसकी देरी की जांच करने और रिपोर्ट जमा करने के लिए नहीं कहा।" उन्होंने कहा कि सतर्कता निदेशालय ने शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी के संबंधित अधिकारियों की "जिम्मेदारियां तय करने" की भी सिफारिश की है, जो लगभग 1,300 करोड़ रुपये के "घोटाले" में शामिल थे।

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