नई दिल्ली. गंभीर कोरोना संक्रमण का सामना कर रही राजधानी दिल्ली में फिलहाल स्कूल नहीं खोले जाएंगे। दिल्ली सरकार के मुताबिक छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल नहीं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर चल रही है। सरकार का कहना है कि ऐसे में स्कूल खोलकर छात्रों को संकट में नहीं डाला जा सकता। मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "अभी आने वाले दिनों में भी दिल्ली के स्कूल नहीं खुलने जा रहे हैं। दिल्ली में फिलहाल स्कूल नहीं खुलेंगे। दिल्ली में इस वक्त कोरोना की तीसरी लहर चल रही है और यह सबसे खतरनाक है। इस दौरान कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा है।"
पिछले कई दिनों से दिल्ली में कोरोना रोगियों की संख्या बढ़ रही है। इस दौरान कोरोना से प्रतिदिन होने वाली मौत के आंकड़ों में भी वृद्धि हुई है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सिसोदिया ने कहा, "मौजूदा वक्त में कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने का खतरा मोल नहीं लेगा।" ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, "हमने शिक्षा मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री के समक्ष मुख्य रूप से तीन विषय रखे हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि जब तक कोरोना पर पूरी तरह से काबू नहीं पा लिया जाता, तब तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए।"
दिल्ली में अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं है। अखिल भारतीय अभिभावक संघ ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि इस पूरे मौजूदा सत्र को ही जीरो अकादमिक ईयर घोषित किया जाए। दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले 2500 छात्रों के अभिभावक दिल्ली सरकार को ईमेल भेज कर स्कूल न खोलने की मांग कर चुके हैं। इन अभिभावकों का कहना है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन न आ जाए तब तक या फिर कम से कम 10 दिन कोरोना के नए केस न आने की स्थिति में ही स्कूल खोले जाने चाहिए।
उधर कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के अस्पतालों में 1000 आइसीयू बेड दिल्ली के मरीजों के लिए सुरक्षित करने की अपील की है। दिल्ली सरकार का दावा है कि कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बावजूद दिल्ली में मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा रहा है। कोरोना वायरस से बड़े शहरों में प्रति दस लाख जनसंख्या पर हुई औसत मौतों के मामले में दिल्ली 15वें स्थान पर है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, "कोरोना वायरस से होने वाली मौतों के मामले में अधिकांश मेट्रो शहरों में भी दिल्ली सबसे पीछे है। दिल्ली में प्रति दस लाख जनसंख्या पर औसतन मुंबई, चेन्नई, कोलकत्ता और अहमदाबाद से कम मौत हुई हैं।"