नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है। ताहिर को धनशोधन, सीएए विरोध प्रदर्शनों की फंडिंग और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों के आयोजन में उनकी भूमिका के लिए पीएमएलए जांच के लिए गिरफ्तार किया गया है। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत ताहिर हुसैन को गिरफ्तार किया है और दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी को छह दिन की कस्टोडियल रिमांड में रखे जाने का आदेश दिया है।
इससे पहले, अधिकारी ने कहा कि हुसैन से दिल्ली दंगों के लिए फंडिंग के बारे में भी पूछताछ की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि उनसे यह भी पूछताछ की जा रही है कि दंगों के लिए धन इकट्ठा करने के लिए वह किस हवाला संचालक के संपर्क में थे। तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना साद के साथ उनके संबंधों के बारे में भी उनसे पूछताछ की जाएगी।
ईडी के अधिकारी ने कहा कि हुसैन को एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले के तहत गिरफ्तार किया, जहां फरवरी में उत्तर-पूर्व में हुए एंटी सीएए विरोध प्र्दशन के दौरान हिंसा में उसकी भूमिका पाई गई है। अधिकारी ने कहा कि पीएमएलए के तहत निर्धारित अपराध में, मामला आईपीसी की कई धाराओं के तहत अपराध शाखा और दयालपुर पुलिस स्टेशन, दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर पर आधार पर दर्ज किया गया है।
पूर्व आप नेता की गिरफ्तार पर बीजेपी ने कहा है कि दंगों के पहले और बाद में ताहिर हुसैन के बैंक खातों से हुए लेन-देन की जांच से फंडिंग का खुलासा होगा। ईडी जांच कर जल्द ही सारे राज से पर्दा हटाएगा। बीजेपी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर ताहिर हुसैन को बचाने का आरोप लगाया है। कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली दंगों के मास्टरमाइंड ताहिर हुसैन पर एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है?
दिल्ली बीजेपी के मीडिया रिलेशंस हेड नीलकांत बख्शी ने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। ताहिर हुसैन अपने कर्मों की सजा भुगत रहे हैं। दिल्ली के दंगों के पीछे फंडिंग हुई थी। ऐसे में ताहिर हुसैन के बैंक खातों से हुए लेन-देन बड़े राजफाश कर सकती है। दंगों के होने से दो महीने पहले तक खाते से हुए लेन-देन की जांच होनी जरूरी है। यह भी ईडी को देखना चाहिए कि जेल में रहते हुए भी तो कहीं उसके खातों से लेन-देन तो नहीं हो रहा था।