Saturday, December 21, 2024
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Delhi Riots: ताहिर हुसैन के खिलाफ दंगा और हत्या के आरोप तय करने का आदेश, कोर्ट ने कहा- हिंदुओं को निशाना बनाने में थे लिप्त

Delhi Riots: दिल्ली में साल 2020 में हुए दंगों के मामले में अदालत ने AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और पांच अन्य के खिलाफ दंगा और हत्या की धाराएं लगाने का आदेश दिया है।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Oct 14, 2022 21:53 IST, Updated : Oct 14, 2022 21:53 IST
Former Aam Aadmi Party (AAP) councilor Tahir Hussain
Image Source : FILE PHOTO Former Aam Aadmi Party (AAP) councilor Tahir Hussain

Highlights

  • दिल्ली दंगा मामले में ताहिर हुसैन की बढ़ी मुश्किलें
  • ताहिर हुसैन और 5 अन्य के खिलाफ लगेंगी संगीन धाराएं
  • कोर्ट ने दंगा और हत्या के आरोप तय करने का आदेश दिया

Delhi Riots: दिल्ली दंगा मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिस हुसैन को लेकर दिल्ली की एक अदलात ने बेहद सख्त लहजे में ये टिप्पणी की कि ताहिर हुसैन और अन्य आरोपी हिंदुओं को निशाना बनाने में लिप्त थे। कोर्ट ने अब इन सभी आरोपियों के खिलाफ दंगा और हत्या के आरोप तय करने का आदेश दिया है। दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर पूर्व दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और पांच अन्य के खिलाफ दंगा और हत्या के आरोप तय करने का आदेश देते हुए कहा कि सभी आरोपी हिंदुओं को निशाना बनाने में लिप्त थे और उनके कृत्य परोक्ष तौर पर मुसलमानों और हिंदुओं के बीच सौहार्द के लिए प्रतिकूल थे। 

जज ने आरोपियों पर ये संगीन धाराएं लगाने का दिया आदेश

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने ताहिर हुसैन के अलावा, तनवीर मलिक, गुलफाम, नाज़िम, कासिम और शाह आलम के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। अदालत ने यह आदेश अजय झा नाम के एक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराये गए एक मामले की सुनवाई करते हुए दिया जिस पर 25 फरवरी, 2020 को चांद बाग के पास एक भीड़ द्वारा कथित रूप से गोली चलायी गई थी। न्यायाधीश ने 13 अक्टूबर को एक आदेश में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सभी आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, धारा 147, 148, 153 ए और 302 के तहत दंडनीय अपराधों के तहत मामला चलाया जाना चाहिए।’’ 

न्यायाधीश ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 149 और 307 के तहत आरोप तय करने का भी आदेश दिया।  न्यायाधीश ने कहा, ‘‘उन्हें आईपीसी की धारा 147, 148, 307 के साथ 120बी और 149 के तहत दंडनीय अपराधों और आईपीसी की धारा 153 ए के साथ ही 120 बी और 149 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए भी मुकदमा चलाने के लिए उत्तरदायी पाया गया है।’’ 

"हिंदुओं के घरों पर फायरिंग, पथराव और पेट्रोल बम चलाने में शामिल"
विशेष लोक अभियोजक मधुकर पांडे ने स्पष्ट किया कि मूल अपराध हत्या के प्रयास के आरोप के लिए तय किया गया। पांडे ने कहा कि चूंकि साजिश हत्या की थी, इसलिए आपराधिक साजिश और हत्या एवं अन्य आरोप तय किए गए। अदालत ने कहा कि गुलफाम और तनवीर के खिलाफ हथियार कानून के तहत मुकदमा चलाये जाने योग्य है। अदालत ने कहा, ‘‘विभिन्न गवाहों के बयानों से यह पता चलता है कि सभी आरोपी उस भीड़ का हिस्सा थे जो हिंदुओं और हिंदुओं के घरों पर लगातार गोलियां चलाने, पथराव और पेट्रोल बम चलाने में शामिल थी।’’ 

पांडे ने कहा, ‘‘भीड़ के इन कृत्यों से यह स्पष्ट होता है कि उनका उद्देश्य हिंदुओं को उनके शरीर पर और संपत्ति में अधिकतम संभव सीमा तक नुकसान पहुंचाना था।’’ अदालत ने कहा कि गवाहों के बयानों ने यह भी स्पष्ट हुआ कि भीड़ द्वारा अंधाधुंध और निशाना लगाकर गोलीबारी में शिकायतकर्ता सहित कई लोग गोली लगने से घायल हो गए। उसने कहा कि मामले में एक पहचान परेड (टीआईपी) की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि गवाह आरोपी को जानते हैं और वीडियो नहीं होना और वास्तविक हथियार की गैर-बरामदगी, अभियोजन पक्ष के मामले को अविश्वसनीय नहीं बनाती। अदालत ने कहा, ‘‘सभी आरोपियों के खिलाफ दंगा करने और हिंदुओं की हत्या एवं हिंदुओं की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की आपराधिक साजिश रचने को लेकर मुकदमा चलाने का मामला बनता है।’’ 

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