Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. पूर्व AAP नेता ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने कहा- दिल्ली दंगे बंटवारे के बाद राजधानी में सबसे भयानक दंगे थे

पूर्व AAP नेता ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी खारिज, कोर्ट ने कहा- दिल्ली दंगे बंटवारे के बाद राजधानी में सबसे भयानक दंगे थे

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे राष्ट्रीय राजधानी में ‘विभाजन के बाद सबसे भयानक सांप्रदायिक दंगे थे।’

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 22, 2020 17:56 IST
Tahir Hussain, Tahir Hussain AAP, Tahir Hussain AAP Leader, Tahir Hussain AAP Riots- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE अदालत ने 3 मामलों में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया।

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे राष्ट्रीय राजधानी में ‘विभाजन के बाद सबसे भयानक सांप्रदायिक दंगे थे।’ कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली के दंगे ‘प्रमुख वैश्विक शक्ति’ बनने की आकांक्षा रखने वाले राष्ट्र की अंतरात्मा में एक ‘घाव’ था। अदालत ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के तीन मामलों में जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए यह टिप्पणियां की। हुसैन पर सांप्रदायिक हिंसा के भड़काने के लिए कथित तौर पर अपने राजनीतिक दबदबे का दुरुपयोग करने का आरोप है।

‘राष्ट्र की अंतरात्मा पर एक घाव हैं दंगे’

अदालत ने कहा, ‘यह सामान्य जानकारी है कि 24 फरवरी, 2020 के दिन उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई हिस्से सांप्रदायिक उन्माद की चपेट में आ गए, जिसने विभाजन के दिनों में हुए नरसंहार की याद दिला दी। दंगे जल्द ही जंगल की आग की तरह राजधानी के नए भागों में फैल गए और अधिक से अधिक निर्दोष लोग इसकी चपेट में आ गए।’ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा, ‘दिल्ली दंगे 2020 एक प्रमुख वैश्विक शक्ति बनने की आकांक्षा रखने वाले राष्ट्र की अंतरात्मा पर एक घाव है और दिल्ली में हुए ये दंगे ‘विभाजन के बाद सबसे भयानक सांप्रदायिक दंगे थे।’

कोर्ट ने की और भी कड़ी टिप्पणियां
अदालत ने कहा कि इतने कम समय में इतने बड़े पैमाने पर दंगे फैलाना ‘पूर्व-नियोजित साजिश’ के बिना संभव नहीं है। पहला मामला दयालपुर इलाके में हुए दंगों के दौरान हुसैन के घर की छत पर पेट्रोल बम के साथ 100 लोगों की कथित मौजूदगी और उन्हें दूसरे समुदाय से जुड़े लोगों पर बम फेंकने से जुड़ा है। दूसरा मामला क्षेत्र में एक दुकान में लूटपाट से जुड़ा है जिसके कारण दुकान के मालिक को लगभग 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ जबकि तीसरा मामला एक दुकान में लूटपाट और जलाने से संबंधित है जिसमें दुकान के मालिक को 17 से 18 लाख रुपये का नुकसान हुआ।

‘हुसैन के खिलाफ गंभीर प्रकृति के आरोप’
जज ने कहा कि यह मानने के लिए रिकॉर्ड में पर्याप्त सामग्री है कि हुसैन अपराध के स्थान पर मौजूद थे और एक विशेष समुदाय के दंगाइयों को उकसा रहे थे। उन्होंने कहा कि हुसैन के खिलाफ गंभीर प्रकृति के आरोप है। कोर्ट ने कहा कि तीनों मामलों में सरकारी गवाह उसी क्षेत्र के निवासी हैं और यदि उसे जमानत पर रिहा किया गया तो हुसैन द्वारा इन गवाहों को धमकी देने या भयभीत करने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है। हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता के के मेनन ने दावा किया था कि कानून की मशीनरी का दुरुपयोग करके उसे परेशान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ पुलिस और उसके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। विशेष लोक अभियोजक मनोज चौधरी ने कहा कि हुसैन मामलों में मुख्य साजिशकर्ता है। (भाषा)

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement