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दिल्ली दंगा चार्जशीट: 2019 चुनाव परिणाम के बाद से ही षडयंत्रकारियों के दिमाग में चल रही थी हिंसा की साजिश

दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें हिंसा में शामिल कई लोगों के व्हाट्सएप ग्रुप में हुई बातचीत का ब्यौरा भी दिया गया है और दावा किया गया है कि कई व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए दिल्ली में दंगे भड़काने की साजिश की गई।

Reported by: Kumar Sonu @Sonu_indiatv
Updated on: September 22, 2020 19:08 IST
Delhi Police file chargesheet on Delhi riots- India TV Hindi
Image Source : FILE Delhi Police file chargesheet on Delhi riots

नई दिल्ली। इस साल फरवरी के दौरान हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में दंगों की साजिश को लेकर तथ्यों के साथ कई बातें रखी गई हैं और कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए गए हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे मई में आने के बाद से ही दिल्ली दंगों के षडयंत्रकारियों के दिमाग में हिंसा की साजिश चल रही थी। चार्जशीट में कहा गया था कि षडयंत्रकारी मान रहे थे कि अपना खोया जनाधार वापस हासिल करने के लिए हिंसा ही एकमात्र विकल्प है।

दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें हिंसा में शामिल कई लोगों के व्हाट्सएप ग्रुप में हुई बातचीत का ब्यौरा भी दिया गया है और दावा किया गया है कि कई व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए दिल्ली में दंगे भड़काने की साजिश की गई। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है कि दंगों से करीब एक हप्ता पहले यानि 16-17 फरवरी 2020 के रात को दिल्ली के चांद बाग इलाके में एक मीटिंग हुई थी। इसी रात दंगे के षडयंत्रकारियों ने फैसला लिया गया कि प्रदर्शन पूरी दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। चार्जशीट के अनुसार षडयंत्रकारियों ने उत्तरी दिल्ली, शहादरा, साउथ डिस्ट्रिक्ट, चांद बाग और जाफराबाद को हॉटस्पॉट के तहत चिन्हित किया था।

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक छानबीन में एक ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप का पता चला है जिसके जरिए हिंसा की साजिश की गई। उस व्हाट्सएप ग्रुप का नाम दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप (DPSG) रखा गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए दिल्ली में अलग अलग जगहों पर धरना, चक्का जाम, ट्रैफिक रोकना और यहां तक की पत्थरबाजी और हिंसा के निर्देश दिए गए थे। सूत्रों के मुताबिक ग्रुप के ही कई सदस्यों ने हिंसा के खिलाफ आवाज भी उठाई थी लेकिन वह तब हुआ जब स्थिति बिगड़ चुकी थी।

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट यह भी बताया गया है कि कैसे जहांगीरपुरी से 300 महिलाओं को पहले शाहीन बाग धरने के लिए ले जाया जा रहा था लेकिन बाद में उन्हें जाफराबाद पहुंचाया गया और उन महिलाओं का इस्तेमाल जाफराबाद में हिंसा के लिए किया गया और बाद में वापस जहांगीरपुरी छोड़ दिया गया। पुलिस के मुताबिक महिलाओं को लाने और वापस लेकर जाने में इस्तेमाल हुई बसों के ड्राइवरों ने इसकी पुष्टि की है। इस पूरी साजिश को अंजाम दिलाने में पिंजरा तोड़ ग्रुप की तरफ से की गई मदद के बारे में भी चार्जशीट में लिखा गया है।

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चार्जशीट में कहा गया है कि 16-17 फरवरी 2020 की रात चांद बाग इलाके में जो सीक्रेट मीटिंग हुई थी उसमें जो लोग मौजूद थे, उसमें ये बात हुई कि जो प्रदर्शन एक समुदाय के प्रभुत्व वाले इलाके में हो रहे हैं उन्हें वहां से किसी व्यस्त सड़क की तरफ शिफ्ट किया जाए ताकि चक्का जाम हो सके और चक्का जाम के बाद पुलिस पर हमला, जनता पर हमला, पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने का काम करना होगा। चार्जशीट के मुताबिक हेड कॉन्स्टेबल रत्न लाल की हत्या मामले में गिरफ्तार एक आरोपी महम्मद अयूब ने इस बात की पुष्टि की, आरोपी मोम्मद अयूब के जरिये 4 और आरोपियों का नाम सामने आया।

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