दिल्ली दंगा मामले में आरोपी उमर खालिद की अंतरिम जमानत पर आज फैसला आएगा। बीते 7 दिसंबर को कड़कड़डूमा कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। उमर खालिद ने बहन की शादी में शामिल होने के लिए दो हफ्ते के लिए कोर्ट से अंतरिम जमानत मांगी है। बता दें, उमर खादिल और खालिद सैफी को कड़कड़डूमा कोर्ट दिल्ली दंगों के एक मामले में पहले ही आरोपमुक्त कर चुकी है। इससे पहले दोनों को फरवरी 2020 में दिल्ली के चांदबाग इलाके में हुई पत्थरबाजी के मामले में जमानत मिल चुकी थी, लेकिन दूसरे मामले में ये जेल में बंद हैं।
कॉन्स्टेबल के बयान पर दर्ज हुआ था केस
दिल्ली दंगों के सिलसिले में एक पुलिस कॉन्स्टेबल के बयान के आधार पर इन दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। अपने बयान में कॉन्स्टेबल ने कहा था कि 24 फरवरी 2020 में चांदबाग पुलिया के पास जमा एक बड़ी भीड़ ने पत्थरबाजी की थी। उस पत्थरबाजी के दौरान खालिद सैफी और उमर खालिद का नाम भी जोड़ा गया था। हालांकि कोर्ट ने पाया कि इन दोनों के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है, जिसके आधार पर कोर्ट ने उन्हें इस केस में आरोप मुक्त कर दिया।
CAA-NRC के खिलाफ हुआ था प्रदर्शन
इस मामले में बरी होने के बाद भी फिलहाल दोनों आरोपी UAPA से जुड़े मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उमर खालिद कई अन्य मामलों में आरोपी है और वह दिल्ली दंगे के पीछे की बड़ी साजिश के सिलसिले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत आरोपों का सामना कर रहा है। दरअसल फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में CAA-NRC के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसने सांप्रदायिक दंगों का रूप ले लिया था। इस दौरान 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा रहे उमर खालिद, खालिद सैफी और सफूरा जर्गर जैसे कई छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।