नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली दंगों के मामले में धन शोधन की अपनी जांच के सिलसिले में आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के परिसरों सहित कई स्थानों पर मंगलवार को छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, नोएडा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कम से कम छह स्थानों पर छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि मामले में अतिरिक्त साक्ष्य एकत्र करने के मकसद से छापे मारे गए।
ईडी ने मार्च में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद हुसैन, इस्लामी संगठन पीएफआई और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ दिल्ली में हाल ही में हुए दंगों के सिलसिले में धन शोधन और दंगों के लिए धन मुहैया कराने का मामला दर्ज किया था। अधिकारियों ने बताया कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था और इसके प्रावधानों के तहत ही छापेमारी की गई।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने उत्तरपूर्व दिल्ली में स्थित हुसैन के कार्यालयों में भी तलाश की। वह उन आरोपों की जांच कर रही है कि हुसैन और उनसे जुड़े व्यक्तियों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों और दंगों को भड़काने के लिए कथित मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल कर 1.10 करोड़ रुपये के मूल्य के काले धन को सफेद बनाया।
दिल्ली पुलिस ने फरवरी में उत्तरपूर्व दिल्ली में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामले और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के अन्य मामले में हुसैन के खिलाफ दो आरोप-पत्र दायर किए थे। शर्मा (26) के परिवार ने हत्या के पीछे हुसैन को जिम्मेदार बताया है। शर्मा का शव दंगा प्रभावित चांद बाग इलाके में उनके घर के पास एक नाले से मिला था।
पार्षद ने कहा था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है। समझा जाता है कि छापेमारी करने से पहले ईडी ने पुलिस के इन आरोप-पत्रों पर गौर किया है। दंगों में कथित तौर पर षड्यंत्र रचने से जुड़े मामले में हुसैन के खिलाफ आतंकवाद निरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट के तहत वार्ड संख्या 59 से आप का पार्षद हुसैन फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।