Saturday, December 21, 2024
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दिल्ली दंगा केस में 10 और लोग बाइज्जत बरी, पुलिस को कोर्ट का निर्देश- खानापूर्ति से बाज आएं

उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे 2020 के एक मामले में दंगा, आगजनी और अन्य आरोपों से दस और लोगों को यह कहते हुए बरी कर दिया है कि उनके खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। इस तरह एक हफ्ते में 19 लोग बाइज्जत बरी हो चुके हैं।

Reported By : Shoaib Raza Edited By : Malaika Imam Published : Nov 29, 2023 20:18 IST, Updated : Nov 29, 2023 20:18 IST
दिल्ली दंगा
Image Source : FILE PHOTO दिल्ली दंगा

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे 2020 के एक मामले में दंगा, आगजनी और अन्य आरोपों से दस और लोगों को यह कहते हुए बरी कर दिया है कि उनके खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। न्यायालय ने इस सप्ताह की शुरुआत में 9 लोगों को ससम्मान बरी कर दिया था। इस तरह एक हफ्ते में 19 लोग बाइज्जत बरी हो चुके हैं। आज अदालत ने सरकारी वकील की ओर से पेश किए गए गवाहों के विरोधाभासी बयानों और कुछ के अपने बयानों से मुकर जाने के बाद इन लोगों को बरी कर दिया और पुलिस को निर्देश दिया कि दंगों के मामलों को गंभीरता से लें और खानापूर्ति से बाज आएं।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद दे रही थी कानूनी सहायता

बरी होने वालो में से 7 लोगों को जमीयत उलेमा-ए-हिंद कानूनी सहायता दे रही थी। बरी होने वालो में मुहम्मद ताहिर, राशिद उर्फ ​​राजा, शोएब उर्फ ​​छोटुआ, शाहरुख, मोहम्मद फैसल, राशिद उर्फ ​​मोनू और अशरफ अली है। एफआईआर नंबर- 95/20 पीएस गोकुलपुरी के तहत दर्ज किया गया था और लंबे समय से कानूनी उलझन में था। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कानूनी टीम के प्रयासों की सराहना की और उन लोगों के लिए बेहतर भविष्य की प्रार्थना की, जिन्हें सम्मान के साथ बरी कर दिया गया है। 

दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का  लगा था आरोप 

इन लोगों पर 25 फरवरी, 2020 को दंगों के दौरान गोदाम और गाड़ियों को जलाने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी “संदेह के लाभ के हकदार“ हैं, जब तक कि भीड़ में उनकी निरंतर मौजूदगी के स्पष्ट और साफ सबूत न मिलें। अदालत ने अपनी टिप्पणी में आगे कहा कि “तथ्य को भूल जाना किसी तथ्य को गलत तरीके से पेश करने से बहुत भिन्न है।’’ न्यायालय के इन निर्णयों पर संतोष व्यक्त करते हुए जमीअत उलमा-ए-हिंद के कानूनी मामलों के संरक्षक मौलाना नियाज़ अहमद फारूकी ने कहा कि जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रयासों से दिल्ली दंगों में अब तक 584 लोगों को जमानत मिल चुकी है, जबकि 45 मामलों में लोग बाइज्जत बरी हो चुके हैं। जमीअत दिल्ली में 258 मामले लड़ रही है, 209 मामले अभी भी विचाराधीन हैं।

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