नई दिल्ली। दिल्ली में गुरुवार (26 नवंबर) को कोरोना के बीते 24 घंटे में 5475 नए मामले सामने आए तथा 91 और मरीजों की मौत हुई है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में कोरोना के कुल मामले 5,51,262 हो गए हैं जिसमें 5,03,717 रिकवरी, 38,734 सक्रिय मामले (एक्टिव केस) और 8,811 मौतें शामिल हैं। बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में अभी 23479 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया है जबकि बाकी के मरीजों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। दिल्ली में निषिद्ध क्षेत्रों (कंटेनमेंट जोन) की संख्या 5156 हो गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली में सर्दी और प्रदूषण के असर से कोरोना का कहर और भी बढ़ सकता है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, दिल्ली में आज 63 हजार 266 कोरोना सैंपल्स की जांच हुई। इसमें से 28 हजार 897 नमूने आरटीपीसीआर/ट्रूनैट/सीबीनैट के माध्यम से जांचे गए जबकि 34 हजार 369 कोरोना सैंपल्स की जांच रैपिड एंटीजन माध्यम से की गई। राजधानी में अभी तक 60 लाख 39 हजार 703 कोविड-19 सैंपल्स की जांच की जा चुकी है।
कोविड-19 मरीजों के लिए दिल्ली में 80% आईसीयू बेड आरक्षित करने के फैसले को चुनौती
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों को 'चिंताजनक' बताया। कोरोना वायरस के मरीजों के लिए शहर के 33 निजी अस्पतालों में 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की। न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा, 'वर्तमान में जितने मामले हैं, वह चिंताजनक हैं।' मामले पर आगे 9 दिसंबर को सुनवाई होगी।
अदालत ‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में दिल्ली सरकार के 12 सितंबर के उस आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया गया है जिसमें शहर में 33 निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए 80 प्रतिशत बेड को आरक्षित करने का आदेश दिया गया था। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि सरकार समय-समय पर स्थिति का आकलन कर रही है और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने दिल्ली के संबंध में हालात की समीक्षा हाल में की है । उन्होंने कहा कि बुधवार रात को भी स्थिति की समीक्षा की गयी और सुनवाई की अगली तारीख के पहले भी बैठक की जाएगी।
दिल्ली में कोविड-19 की जांच ‘पूर्णता के स्तर’ पर पहुंच गई है: जैन
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार (26 नवंबर) को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के लिए जांच की क्षमता ‘‘पूर्णता के स्तर’’ पर पहुंच गई है और प्रयोगशालाओं को एक दिन के अंदर सभी आरटी-पीसीआर की जांच के परिणाम जारी करने में समस्या आ रही है। कोविड-19 का पता लगाने के लिए मंगलवार को 61,778 जांच की गई जिसमें 26,080 आरटी-पीसीआर जांच थी, जो महानगर के लिए एक दिन में सर्वाधिक है। इसमें 35,698 रैपिड एंटीजन जांच भी शामिल है। जैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जांच पूर्णता के स्तर पर पहुंच गई है। कई लोग अब कह रहे हैं कि उनकी जांच दो-तीन दिन पहले ही हुई थी।’’
मंत्री ने कहा कि सरकार ने आरटी-पीसीआर की जांच बढ़ाकर 35 हजार तक करने का निर्देश दिया था लेकिन प्रयोगशालाओं को एक दिन के अंदर सभी जांच के परिणाम जारी करने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक नई समस्या आ गई है।’’ जैन ने कहा कि बुधवार को संक्रमण की दर कम होकर 8.49 फीसदी हो गई जबकि सात नवंबर को यह दर 15.26 फीसदी थी। उन्होंने कहा कि ऐसे बिस्तर जिन पर मरीज नहीं हैं उनकी संख्या चार दिन पहले 7844 थी जो अब बढ़कर 9138 हो गई है। पिछले कुछ दिनों में उपलब्ध आईसीयू बिस्तरों की संख्या भी बढ़कर 1057 हो गई है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए 50 फीसदी से अधिक बिस्तर आरक्षित हैं। दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 5246 नये मामले सामने आए जबकि 99 और लोगों की मौत के साथ मरने वालों की संख्या 8720 हो गई। पांच दिनों के बाद पहली बार राष्ट्रीय राजधानी में एक दिन में मरने वालों की संख्या 100 से कम हुई है।