Highlights
- दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 249 नए मामले सामने आए
- दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 0.43 फीसदी पहुंचा
- दिल्ली में ओमिक्रॉन के 70 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं
Delhi Coronavirus Cases: कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन आने के बाद से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के नए मामलों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण (COVID19) के 249 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस दौरान 1 व्यक्ति की मृत्यु दर्ज़ की गई और 96 लोग डिस्चार्ज हुए। दिल्ली में शनिवार को 24 घंटे में कोरोना के 249 नए केस 13 जून के बाद 1 दिन में सबसे अधिक मामले हैं। दिल्ली में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 0.43 फीसदी हो गया है। राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से लगातार कोरोना केस बढ़ रहे हैं। दिल्ली में अब तक कुल 14,43,062 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं तो वहीं 25,104 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, 24 घंटे में 96 मरीज स्वस्थ हुए जिसके बाद यहां एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 934 हो गई है। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से देश में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञों ने कोरोना के तेजी से बढ़ते नए मामलों को लेकर चेतावनी दी है। अब यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है?
दिल्ली में ओमिक्रॉन के 70 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं
वहीं दिल्ली में ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। दिल्ली में ओमिक्रॉन के अबतक 70 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। बताया जाता है कि 24 घंटे अभी तक 1 भी मरीज रिकवर नहीं हुआ है। वैसे कुल मरीजों में से 23 मरीज डिस्जार्च हो चुके हैं। हालांकि देशभर में ओमिक्रॉन से रिकवर होने वालों की कुल संख्या 115 दर्ज की गई है।
ओमीक्रोन के खतरे के बीच दिल्ली में नहीं दिखी क्रिसमस की रौनक
कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के खतरे के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ईसाई समुदाय के लोगों ने शनिवार को सावधानी के साथ क्रिसमस का पर्व मनाया और कम संख्या में लोग गिरजाघरों में पहुंचे। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और ओमीक्रोन स्वरूप का संक्रमण फैलने के खतरे के मद्देनजर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने बुधवार को जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राजधानी में क्रिसमस और नववर्ष के जश्न को लेकर कोई जमावड़ा नहीं हो।
बहरहाल, स्पष्टीकरण का आग्रह पाने पर डीडीएमए ने गुरुवार को कहा था कि क्रिसमस और नये साल की पूर्व संध्या के अवसर पर राजधानी दिल्ली में धार्मिक स्थल खुले रहेंगे लेकिन कोविड अनुकूल नियमकों का सख्ती से पालन करना होगा। डीडीएमए के मुताबिक, क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर धार्मिक स्थलों में उत्सवों और प्रार्थनाओं का आयोजन किया जा सकता है और लोगों को भी प्रवेश करने की अनुमति होगी। इस दौरान कोविड-19 संबंधी मानक संचालन प्रक्रियाओं तथा तमाम दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा।
दिल्ली के विभिन्न गिरजाघरों में मध्यरात्रि को होने वाली प्रार्थना के बारे में बात करते हुए रोमन कैथोलिक आर्चडायसी के आर्चबिशप अनिल जोसेफ थॉमस काउटो ने कहा कि इस साल क्रिसमस पर बहुत से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले। काउटो ने कहा, ‘‘भले ही गिरजाघरों में लोगों के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, डीडीएमए के आदेश को लेकर भ्रम की स्थिति थी। इसलिए, इस साल बहुत से लोग अपने घरों से बाहर ही नहीं निकले। कोरोना की मौजूदा स्थिति के कारण लोग थोड़े चिंतित हैं। हमने बड़ी संख्या में लोगों को नहीं देखा।’’
डिफेंस कॉलोनी में सेंट ल्यूक चर्च के पादरी जेम्स पीटर राज ने भी कहा कि इस साल क्रिसमस समारोह में बहुत कम लोग ही शामिल हुए। पादरी जेम्स पीटर राज ने कहा, ‘‘इस साल लोगों ने मास्क पहने हुआ था और वे शारीरिक दूरी के नियम का पालन कर रहे थे। हर बार की तरह इस साल कम लोग ही क्रिसमस के अवसर पर चर्च में आए।’’ लोधी रोड स्थित सेंटेनरी मेथोडिस्ट चर्च में भी क्रिसमस की रौनक नहीं दिखी।