Highlights
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने द्वारका डीसीपी को हटाया
- शंकर चौधरी को ड्यूटी से तत्काल मुक्त होने के आदेश
- देर रात हुई एक पार्टी में हुए हंगामे में आया था नाम
Delhi: राष्ट्रीय राजधानी के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने शनिवार को द्वारका जिले के पुलिस उपायुक्त शंकर चौधरी को उनकी ड्यूटी से तत्काल मुक्त करने का आदेश दिया है। दरअसल, चौधरी का नाम देर रात हुई एक पार्टी में हुए हंगामे से जुड़ा था। हंगामे के दौरान एक महिला घायल हो गई।
क्लब में महिला के साथ मारपीट के आरोप
एक आधिकारिक आदेश में कहा गया, "श्री शंकर चौधरी आईपीएस 2011 को डीसीपी/द्वारका, दिल्ली के पद से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है और अगले आदेश तक पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया जाता है। आदेश दिल्ली के पुलिस आयुक्त के अनुमोदन से जारी किया गया।" घटना तड़के हुई, घायल महिला को मैक्स अस्पताल ले जाया गया, जिसके बाद उसके पति ने एक पीसीआर कॉल कर आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी रैंक के एक अधिकारी ने एक निजी क्लब में जन्मदिन की पार्टी में उसकी पत्नी के साथ मारपीट की। हालांकि, बाद में शिकायतकर्ता ने उनके बीच 'मिस कम्यूनिकेशन' के कारण शिकायत वापस ले ली।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता के अनुसार, वह अपने पति के साथ दक्षिणी दिल्ली के 'अनकल्चर्ड क्लब' नाम के एक निजी क्लब में हुई एक पारिवारिक पार्टी में गई थी, जहां डीसीपी शंकर चौधरी भी अपने परिवार के साथ पहुंचे थे। महिला ने अपनी शिकायत रद्द करने से पहले लिखा था, "1-2 घंटे के बाद डीसीपी और उनकी पत्नी पार्टी छोड़कर चले गए और रात करीब 12.30-1.00 बजे दो लड़कों ने एक-दूसरे पर शीशे का एक गिलास फेंका, जो मेरे माथे पर लगा।" उसने कहा कि उन दो अज्ञात लड़कों ने दावा किया कि वे डीसीपी द्वारका के दोस्त हैं। इसके बाद उसने एक पीसीआर कॉल की।
प्रकरण पर क्या बोली दिल्ली पुलिस?
इस बीच, दिल्ली पुलिस पीआरओ और प्रवक्ता सुमन नलवा ने कहा कि एक गलत संचार के कारण डीसीपी का नाम हंगामे में आया। उन्होंने कहा, "मामले को सुलझा लिया गया है, क्योंकि यह एक पारिवारिक मुद्दा था।" हालांकि, दिल्ली पुलिस के पीआरओ के बयान के कुछ घंटे बाद डीसीपी चौधरी को उनकी ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया।