नई दिल्ली: अक्टूबर की शुरुआत हो चुकी है। इसके साथ ही दिल्ली में सुबह-शाम हलकी ठंड भी होने लगी है। ठंड आते ही दिल्ली वालों को पर्यावरण प्रदूषण की चिंता भी सताने लगती है। प्रदूषण में गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और हरियाणा-पंजाब में किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली बड़ी भूमिका निभाती है। इसके साथ ही सड़कों पर उड़ने वाली धूल भी इसमें बड़ा योगदान देती है। धूल से बचने एक लिए दिल्ली सरकार आज 7 अक्टूबर से साथ नवंबर तक धूल विरोधी अभियान चलाएगी।
दिल्ली में GRAP का फेज 1 लागू
वहीं प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने GRAP का फेज 1 लागू कर दिया है। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के पहले फेज के तहत उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है। ऐसे में सड़क किनारे होटलों, भोजनालयों व रेडियों पर इस्तेमाल होने वाले कोयलों पर पूर्ण प्रतिबंध शामिल है। बता दें कि दिल्ली का एक्यूआई 212 पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वायु की गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से जीआरएपी फेज 1 को लागू करना आवश्यक है।
एक्यूआई के आधार पर कब घोषित होती है इमरजेंसी
वायु गुणवत्ता- 201 से 300 तक (खराब हवा)
वायु गुणवत्ता- 301 से 400 तक (बेहद खराब हवा)
वायु गुणवत्ता- 401 से 450 तक (गंभीर स्थिति)
वायु गुणवत्ता- 450 से अधिक (इमरजेंसी)
किन चीजों को मिलेगी छूट
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक जीआरएपी के फेस 1 के लागू होने पर एस्केलेटर, चिकित्सीय सेवाओं, नर्सिंग होम, रेलवे सेवाओं, ट्रेन, स्टेशन, मेट्रो, हवाई सेवाओं, अंतरराज्यीय बस सेवाओं, गंदा पानी साफ करने वाले यंत्रों, जल पंपिग स्टेशन, वाणिज्य इमारतों के लिफ्ट, राष्ट्रीय परियोजनाओं से जुड़े कार्यों, दूर संचार इत्यादि कई अन्य चीजों को छूट मिलेगी। बता दें कि इससे पहले एक अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप सिस्टम लागू कर दिया गया था। वहीं शुक्रवार को इसके पहले चरण को लागू किया गया है। बता दें कि इसके तहत चार चरणों में दिल्ली-एनसीआर में पाबंदियां लगाई जाती हैं ताकि वायु की गुणवत्ता को खराब होने से रोका जा सके। पहले चरण में दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में डीजल से चलने वाले जनरेटरों में पर पाबंदियां लगाई जाती हैं। हालांकि पर्यटन मंत्रालय द्वारा दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक सभी क्षमता और श्रेणियों के डीजल जनरेटर को संचालित करने की अनुमति दे दी गई है, जो की एक बार के अपवाद के रूप में है।