Sunday, December 22, 2024
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गैस चैंबर बनी दिल्ली! मुश्किल हुआ सांस लेना, फिर बढ़ा प्रदूषण का लेवल, एक्यूआई बढ़कर 349 पहुंचा

राजधानी दिल्ली एक बार फिर गैस चैंबर बनती जा रही है। प्रदूषण का स्तर पिछले तीन दिनों की तुलना में काफी बढ़ गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 349 के स्तर तक पहुंच चुका है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Oct 27, 2024 8:24 IST, Updated : Oct 27, 2024 8:24 IST
Delhi Pollution
Image Source : PTI दिल्ली में फिर बढ़ा प्रदूषण

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर सांसों पर प्रदूषण का संकट मंडराने लगा है। हवाओं में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई )बढ़कर 349 तक जा पहुंचा है। पिछले तीन दिनों से राजधानी में प्रदूषण का स्तर कम था और लोगों को राहत मिली थी लेकिन एक बार फिर से एक्यूआई बढ़ने से लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडराने लगा है। शनिवार को राजधानी दिल्ली का एक्यूआई 237 था। विजिबिलिटी भी सही थी। लेकिन रविवार को अचानक दिल्ली का ओवरऑल एक्यूआई 349 हो गया है। 

बता दें कि मॉनसून में अच्छी बारिश होने के चलते जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में दिल्ली की हवा काफी हद तक साफ रही। लेकिन दशहरे के बाद से दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा। धीरे-धीरे राजधानी दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील होती नजर आ रही है। राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में एक्यूआई का स्तर कुछ इस प्रकार रहा।

दिल्ली: कुल एक्यूआई 349 

  1. आनंद विहार 405 
  2. अशोक विहार 384 
  3. बवाना 392 
  4. चांदनी चौक 314 
  5. द्वारका 335 
  6. आईजीआई 320 
  7. आईटीओ 357 
  8. जहांगीरपुरी 404 
  9. मंदिर मार्ग 350
  10. मुंडका 356 
  11. नरेला 353 
  12. नेहरू मार्ग 400 
  13. ओखला 344 
  14. रोहिणी 380

दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अगले 15 दिन अहम : गोपाल राय 

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने  वायु प्रदूषण से निपटने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए अगले 15 दिनों को ‘‘महत्वपूर्ण’’ बताया। केंद्र सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में राय शामिल हुये। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और भूपेंद्र यादव के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्री भी शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य क्षेत्र में बिगड़ती वायु गुणवत्ता का आकलन करना और उसका समाधान करना था। राय ने इस साल की बैठक में देरी पर चिंता व्यक्त की और कहा, ‘‘पिछले साल अगस्त में इसी तरह की बैठक हुई थी, जिससे हमें रणनीति बनाने के लिए अधिक समय मिला।’’ राय ने कहा, ‘‘इस साल की बैठक अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में हुई थी। अगर यह तीन महीने पहले आयोजित की गई होती तो हम प्रदूषण की समस्या से अधिक प्रभावी ढंग से निपट सकते थे।’’ 

दीवाली के बाद प्रदूषण संकट और बढ़ सकता है: गोपाल राय

गोपाल राय के अनुसार, पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, इस साल केवल 1,500 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2022 में लगभग 5,000 मामले दर्ज किए गये थे । हालांकि, उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में घटनाओं में वृद्धि देखी, जो क्षेत्रीय वायु गुणवत्ता के लिए एक बड़ा जोखिम है। राय ने चेताया, ‘‘अगले 15 दिन महत्वपूर्ण हैं।’’ उन्होंने बताया कि उत्तर-पश्चिम से आने वाली मौसमी हवायें प्रदूषकों को दिल्ली एवं आसपास के इलाकों में ले जा सकती हैं, जिससे प्रदूषण का संकट और बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन दिवाली के बाद का समय महत्वपूर्ण होगा।’’ राय ने केंद्र और राज्य प्राधिकारियों से आग्रह किया कि वे आने वाले दिनों में अधिक से अधिक प्रयास करें, ताकि सर्दियां आने से पहले प्रदूषण के स्तर पर अंकुश लगाया जा सके, क्योंकि सर्दियों में हवा की गुणवत्ता, स्थिर हवा और ठंडे तापमान के कारण खराब हो जाती है। 

(रिपोर्ट-अनामिका गौड़, इनपुट-भाषा)

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