Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली में दमघोंटू हवा ने फिर से अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। चरों अतार्फ़ हवा में प्रदूषण घुल चुका है। सांस लेना मुश्किल हो चुका है। हालांकि सोमवार और मंगलवार को प्रदूषण में कुछ राहत थी, लेकिन बुधवार को हवा फिर से जहरीली हो गई। 25 अक्टूबर को तो दिल्ली के औसत सूचकांक में 23 अंकों की बढ़ोतरी हुई। जानकारों की मानें तो पिछले दो दिनों में प्रदूषण बढ़ने के पीछे हवा की रफ्तार में आई कमी और दशहरे पर हुई आतिशबाजी सबसे बड़ा कारण है।
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में AQI 250 के पार जा चुकी है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने विभिन्न जगहों पर एंटी स्मॉग गन तैनात की हैं। इसके साथ ही कई एंटी स्मॉग वाहन भी जगह-जगह पानी का छिड़काव कर रहे हैं। वहीं राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान बृहस्पतिवार को आईटीओ चौराहे से शुरू होगा। इस बार अभियान जनता की भागीदारी से चलेगा। 28 को बाराखंभा व 30 अक्तूबर को चंदगीराम अखाड़ा चौराहा और दो नवंबर को सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में इसे चलाया जाएगा।
सरकार को प्रदूषण का कारक मालूम ही नहीं
राजधानी में अक्टूबर महीने में ठंड की दस्तक शुरू हो जाती है। इसके साथ ही प्रदूषण भी अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। यह हर साल की कहानी है, लेकिन दिल्ली सरकार को यह मालूम ही नहीं है कि इस प्रदूषण का कारक क्या है। इस विषय पर दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने बुधवार को कहा कि सरकार के पास प्रदूषण के कारक का कोई ठोस ज्ञान नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने दिल्ली सरकार की कैबिनेट के एक फैसले को बदल दिया और इस वजह से सरकार के पास इससे जुड़े कोई आंकड़े ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे पास इससे जुड़े आंकड़े ही नहीं होंगे तो हम इस पर नीति कैसे बनाएंगे।
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