Highlights
- ड्राइविंग लाइसेंस की वेरिफिकेशन को लेकर मथुरा की अथॉरिटी से संपर्क करने पर खुला मामला
- फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले 12 पुलिसकर्मी दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट में थे तैनात
- दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है जांच, आगे कई और खुलासे हो सकते हैं
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस में हुए भर्ती घोटाले का खुलासा हुआ है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले 12 पुलिसकर्मी बर्खास्त कर दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने साल 2007 में समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर ड्राइवर पद के लिए आवेदन मांगे थे, जिसके बाद सैकड़ों लोगों ने दिल्ली पुलिस में भर्ती होने के लिए आवेदन किया। दिल्ली पुलिस के द्वारा भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई और चुने गए आवेदकों को दिल्ली पुलिस में ड्राइवर के पद पर नियुक्त भी किया गया।
लेकिन पूरा मामला तब खुला जब ड्राइवर के पद पर भर्ती हुए एक कॉन्स्टेबल के ड्राइविंग लाइसेंस वेरिफिकेशन का जिम्मा दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच को सौंपा गया। जब उस कांस्टेबल के ड्राइविंग लाइसेंस की वेरिफिकेशन के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने मथुरा की अथॉरिटी से संपर्क किया तो पता चला कि उस लाइसेंस को मथुरा अथॉरिटी ने जारी ही नहीं किया है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों शक हुआ तो इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई।
मामले की जांच जब क्राइम ब्रांच ने शुरू की तो क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया की दिल्ली पुलिस में ड्राइवर के पद पर भर्ती हुए 12 पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे और पिछले 14 साल से नौकरी कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR दर्जकर दिल्ली पुलिस ने इन 12 फर्जी पुलिसकर्मियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया। बता दें कि, फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले ये 12 पुलिसकर्मी दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट में तैनात थे। बताया जा रहा है कि अभी जैसे-जैसे पूरे मामले की जांच आगे बढ़ेगी वैसे-वैसे कई और खुलासे हो सकते हैं। इसके साथ ही क्राइम ब्रांच के रडार पर कई पुलिसकर्मी हैं।