Highlights
- राष्ट्रीय राजधानी में 1.22 करोड़ से ज्यादा वाहन रजिस्टर हैं: दिल्ली पुलिस
- "FM चैनल के जरिए हम और अधिक लोगों तक अपनी पहुंच बनाने का प्रयास कर रहे हैं"
- "हम दिल्ली पुलिस के ऐप ‘तत्पर’ के जरिए भी लोगों को ट्रैफिक की सूचना दे रहे हैं"
Delhi Police: राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को ट्रैफिक जाम की स्थिति और मार्ग बदलने के बारे में अपडेटिड जानकारी देने के लिए दिल्ली पुलिस FM चैनलों के साथ कंसेंट फॉर्म पर साइन करने की प्रक्रिया में है। DCP (ट्रैफिक द्वारका रेंज और पब्लिक इंटरफेस यूनिट) अंकित सिंह ने कहा कि सभी इलाके से यातायात के संबंध में सूचना प्राप्त की जाएगी। इसके बाद उसे जन संपर्क अधिकारी के माध्यम से रेडियो के FM चैनलों को दिया जाएगा। सिंह ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी में 1.22 करोड़ से ज्यादा वाहन रजिस्टर हैं। कार चलाते हुए लोग एफएम सुनते हैं। इस सिस्टम के जरिए हम और अधिक लोगों तक अपनी पहुंच बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’’
VVIP वाहनों की आवाजाही, धरना, प्रदर्शन आदि की भी मिलेगी जानकारी
DCP अंकित सिंह ने कहा, ‘‘यात्रियों को VVIP वाहनों की आवाजाही, विशेष इंतजाम, धरना, प्रदर्शन आदि की भी जानकारी दी जाएगी, ताकि वे उसी हिसाब से अपनी यात्रा तय कर सकें। हमने इस माध्यम को इसलिए चुना है कि हमें लगता है कि यह हमारे और यात्रियों, दोनों के लिए सुविधाजनक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यातायात पुलिस की पब्लिक इंटरफेस यूनिट (PIU) को शहर के सभी इलाके से ट्रैफिक जाम आदि की सूचना मिलेगी। वे यह जनकारी जनसंपर्क अधिकारी को उपलब्ध कराएंगे, जो इसे एफएम चैनलों को मुहैया कराएंगे। यात्रियों को मार्ग में परिवर्तन किये जाने की भी सूचना दी जाएगी।’’
बारिश के बाद जलभराव ट्रैफिक जाम की सबसे बड़ी वजह
डीसीपी ने कहा कि दिल्ली पुलिस भारत मौसम विज्ञान विभाग से मौसम के बारे में सूचना प्राप्त कर रही है। सिंह ने कहा, ‘‘बारिश के बाद जलभराव ट्रैफिक जाम की सबसे बड़ी वजह है। हम सोशल मीडिया सहित सभी मंचों का उपयोग कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस के ऐप ‘तत्पर’ के जरिए भी लोगों को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैफिक की सूचना दे रहे हैं।’’ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यातायात पुलिस शहर में यातायात की स्थिति पर लगातार अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी देते रहती है।
यातायात जोन-2 के विशेष पुलिस आयुक्त सुरेन्द्र यादव ने बताया कि हम FM रेडियो के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर रहे हैं क्योंकि उनकी पहुंच ज्यादा है। हम चाहते हैं कि उनके पास जाम सहित ट्रैफिक में अन्य बदलावों की जानकारी हो। अगर मार्ग में अचानक बदलाव किया जाता है फिर कहीं जाम लगने की आशंका है तो लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी ताकि वे अपनी यात्रा उसी अनुसार कर सकें।