नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पहली बार हुई खुफिया विभाग की बेहद संवेदनशील कॉन्फ्रेंस में तालिबान को लेकर गंभीर मंथन हुआ। इस महत्वपूर्ण कॉन्फ्रेंस में रॉ चीफ, आईबी चीफ और इंटेलिजेंस के कई बड़े अधिकारियों ने तालिबान को लेकर गहरी चिंता जताई। ऐसा पहली बार हुआ है जब दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर में एक बेहद गोपनीय मीटिंग में रॉ चीफ और आईबी चीफ शामिल हुए हों।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, अफगानिस्तान में तालिबान का जिस तरह से सत्ता पर कब्जा हुआ है और जो मौजूदा हालात हैं तालिबान में उससे पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को बेहद सचेत रहने की जरूरत है। इस बेहद संवेदनशील कॉन्फ्रेंस में खुफिया विभाग के टॉप लेवल के अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा हालात में तालिबान जैसा दिख रहा है और जैसा उसका व्यवहार है, दरअसल असल में तालिबान का चेहरा वैसा नहीं है।
अधिकारियों ने बेहद चौंकाने वाली जानकारियां साझा की
आने वाले दिनों में तालिबान एक नई रणनीति के साथ खतरा बनकर भी उभर सकता है, इसलिए सुरक्षा एजेंसियों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। इस बेहद ही गोपनीय और संवेदनशील कॉन्फ्रेंस में पुलिस और इंटेलिजेंस विभाग के कई और राज्यों के अधिकारियों ने भी बेहद चौंकाने वाली जानकारियां साझा की। जिसके मुताबिक पाकिस्तान और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में जासूसी नेटवर्क को मजबूत करने की पुरजोर कोशिश में है। इंटरनेट और फोन कॉलिंग के जरिए हनीट्रैप कर भारत की गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान जुटाने की कोशिश में जुटा हुआ है। जिसके कई गोपनीय इनपुट सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगे हैं।
इस बेहद ही गोपनीय और संवेदनशील कॉन्फ्रेंस में जम्मू कश्मीर में मौजूदा स्थिति सरकार और वहां की चुनौतियों पर भी चर्चा की गई। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जिस तरह से नई-नई रणनीति के साथ भारत में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा है उससे निपटने के प्रयासों पर भी तमाम अधिकारियों ने मंथन किया। वैसे तो देश के पावर कॉरीडोर के लिए यह बात ओपेन सीक्रेट की तरह है कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना एक अधिकारी के तौर पर मौजूदा केंद्र सरकार के शीर्ष नेताओं के कितने भरोसेमंद हैं। लेकिन इसकी बानगी एकबार फिर दिखी जब दिल्ली के सीपी देश के टॉप खुफिया अधिकारियों के साथ अपने मुख्यालय में बैठक करते नजर आए। गौर करने वाली बात है कि पुलिस मुख्यालय के ठीक बगल में NSA और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का दफ्तर सरदार पटेल भवन है। घटनाक्रम साफ बता रहा है कि टेरर लिंक का हालिया ऑपरेशन और आगे की रणनीति में दिल्ली पुलिस कमिश्नर की अहम भूमिका साफ समझी जा सकती है।
दिल्ली पुलिस ने विभिन्न एजेंसियों के साथ बैठक कर सुरक्षा हालात पर चर्चा की
दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के पुलिस बल तथा विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा हालात को लेकर शुक्रवार को बैठक की। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी मॉड्यूल का पर्दाफाश होने की पृष्ठभूमि में यह बैठक की गयी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद वहां की स्थिति पर भी चर्चा हुई।’’ उन्होंने बताया कि यह बैठक दिल्ली पुलिस ने बुलायी थी। उन्होंने बताया कि बैठक दिल्ली पुलिस मुख्यालय में हुई जहां आतंकवाद और पड़ोसी राज्यों में सुरक्षा हालात पर चर्चा की गई। पड़ोसी राज्यों और खुफिया एजेंसियों के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने मंगलवार को पाकिस्तान समर्थित आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश करके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित दो आतंकियों सहित कुल छह आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया था कि आतंकवादी गणेश चतुर्थी, नवरात्र और रामलीला त्योहारों को दौरान दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में कई जगहों पर बम विस्फोट करने की कथित साजिश रच रहे थे। उन्होंने बताया था कि पाकिस्तान में रह रहा अनीस इब्राहीम (दाउद इब्राहीम का भाई) इस आतंकी योजना को अंजाम देने के लिए अंडरवर्ल्ड से जुड़ा हुआ था। बताया गया था कि पूछताछ में पता चला है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी मॉड्यूल दो तरीके से चलाया जा रहा था, पहला अंडरवर्ल्ड की मदद से और दूसरा पाकिस्तान-आईएसआई प्रशिक्षित आतंकी मॉड्यूल।